शिव जी से जुड़ी इन वस्तुओं को धारण करने से होता है लाभ ही लाभ

Monday, Dec 05, 2022 - 06:22 PM (IST)

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आज हम आपको भगवान शिव से जुड़ी कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें धारण करने पर आपको स्वयं में सकारात्मकता महसूस होगी। कहते हैं कि अगर आपने इन्हें धारण कर लिया तो जीवन में कभी दुख नहीं झेलना पड़ेगा। तो चलिए बताते हैं कि क्या-क्या हैं वो चिह्न-

त्रिशूल
भोलेनाथ सदैव ही त्रिशूल धारण करते हैं। ये अत्यंत ही शुभ चिह्न होता है। ज्योतिष शास्त्र  के मुताबिक यूं तो कभी भी लॉकेट में त्रिशूल पहनना शुभ होता है। लेकिन महाशिवरात्रि के दिन इसे लॉकेट में पहनने से जातक पर कभी भी कोई भी मुसीबत नहीं आती। इसके अलावा उसपर किसी भी बुरी नजर का प्रभाव नहीं होता। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि शिव केवल उसे ही स्वीकार करते हैं जिसके मन में किसी के भी प्रति कोई कपट या छल नहीं होता। इसलिए ज़रूरी है कि इसे धारण करते समय मन में किसी भी तरह की गलत भावना नहीं होनी चाहिए।

डमरु
इसके अलावा भगवान शिव के हाथों में डमरू ब्रह्मनाद का प्रतीक चिह्न है। इसे भी अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि डमरू का लॉकेट पहनने या फिर इसे घर में रखने से घर में किसी भी तरह की नकारात्मक क ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है। ये व्यक्ति के जीवन से निराशा भी दूर करता है। इसके अलावा इसको धारण करने से व्यवक्ति के अंदर एकाग्रता बढ़ती है। अगर किसी काम में मन नहीं लगता तो डमरू पहनने से निश्चित ही लाभ होगा।

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नाग का लॉकेट
अगर किसी व्य क्ति के जीवन में या फिर घर-परिवार में लगातार परेशानियां आ रही हों तो उसे सोमवार के दिन नाग का लॉकेट पहनना चाहिए या अंगूठी धारण करना चाहिए। इससे कालसर्प, पितृदोष, नाग दोष और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। गुप्त चिंता, धन की हानि, शत्रु बाधा में इसे धारण करना अधिक लाभप्रद होता है।

बेलपत्र
तो वहीं भोलेनाथ की पूजा में मुख्यी रूप से अर्पित किए जाने वाले बेलपत्र की अपनी ही महिमा है। बेलपत्र में भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का भी वास होता है। भगवान शिव पर चढ़ा हुआ बेलपत्र किसी ताबीज में लपेटकर धारण करें या चांदी का बेलपत्र बनवाकर इसे धारण करें तो ये मानसिक बल प्रदान करता है। कारोबार में लाभ के लिए, मार्केटिंग और सेल्स सहित वाणी संबंधित क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है।

रुद्राक्ष
इसके अलावा रुद्राक्ष भगवान शिव की आंख से निकले आंसुओं से बना है। यही वजह है कि इसको पहनने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही ये जातक के आत्मैविश्वातस को भी बढ़ाता है। रुद्राक्ष के विषय में कहा जाता है कि यह हृदय की गति एवं रक्तचाप को संतुलित रखता है। विभिन्न मुखों वाले रुदाक्ष विभिन्न प्रभाव देते हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष को धन वृद्धि कारक कहा गया है। अगर आप इन चिन्हों को धारण करते हैं तो आपको कुछ दिनों में फर्क महसूस होने लगेगा और चारों ओर सकारात्मकता का प्रभाव भी रहेगा। 


 

Jyoti

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