Tuesday Special: मंगलवार के दिन करें ये काम, हनुमान जी हरेंगे हर संकट

Tuesday, Feb 27, 2024 - 11:09 AM (IST)

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Lord Hanuman Mantra: हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा, अराधना और उपवास के लिए मंगलवार का दिन बहुत ही उत्तम माना जाता है। मान्यता है की मंगल के दिन ही मंगल करने वाले हनुमान जी का जन्म हुआ था। मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अनन्य और परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मंगलवार के दिन बजरंगबली की सच्चे मन से अराधना करने से सारे कार्य सफल हो जाते हैं। इसके अलावा मंगलवार के दिन हनुमान जी को खुश करने के लिए उनके मंत्रों का जाप भी किया जाता है। इन मंत्रों का जाप करने से भय, संकट और शत्रुओं का नाश हो जाता है। तो चलिए जानते हैं हनुमान जी के प्रभावशाली मंत्रों के बारे में।


Hanuman ji's mantras हनुमान जी के मंत्र
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||
वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |
पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् ||


ध्यान रखें- यदि आप मंत्रों का जाप करने में असमर्थ हैं तो प्रतिदिन सुबह-शाम अथवा जिस कार्य में संदेह हो उसे करने से पहले हनुमान जी की आरती करें। हर अधूरा काम राम जी की कृपा से सफल होगा।


Hanuman Ji ki Aarti  हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर कांपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झांके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज संवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

Niyati Bhandari

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