बालाघाट में जल प्रलय के बीच इस गणेश प्रतिमा ने दिखाया चमत्कार

Tuesday, Sep 01, 2020 - 03:06 PM (IST)

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मौज़ूदा हालात की बात करें तो देश के कईं राज्य बाढ़ की चपेट मे आते दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच ऐसी कई खबरें आ रही हैं, जिसमें पानी के तेज बहाव ने बड़ी से बड़ी ईमारतें गिरा दीं। मगर क्या आप मानेंगे की पानी की तेज़ लहरें आएं मगर, एक छोटी सी मूर्ति उस दौरान टस से मस ने हो? 

हम जानते हैं इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है, मगर ये घटना कोई कल्पना नहीं है बल्कि हकीकत है। जी हां, पिछले दिनों से मध्य प्रदेश के बालाघाट में हो जबरदस्त बारिस के चलते जिलमें में चारों और पानी द्वारा तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जिसमें कई लोग बर्बाद हो गए हैं। मगर इस दौरान यहां एक ऐसी भी घटना हुई है जिसने ये साबित कर दिया है कि आस्था से बढ़कर शायद कुछ नहीं है। बताया जा रहा है जहां पानी ने एक ओर पूरे जिले में तबाही का मंजर दिखा दिया तो वहीं दूसरों और इस बच्चों द्वारा स्थापित की गई मिट्टी की गणेश प्रतिमा टस से मस भी नही हुई। चलिए विस्तारपूर्वक जानते हैं इस खबर के बारे में-

कहा जाता है भगवान गणेश बच्चों के बहुत प्रिय हैं और बच्चों के मन की भावना और पुकार हमेशा सुनते हैं, परंतु हम जो वाक्या बताने वाले हैं वो यकीनन भगवान गणेश के लिए आपकी आस्था और भरोसा और भी बढ़ा देगा। 

बतात चलें दरअसल पिछले दिनों जोरदार बारिश के चलते जबरदस्त बालघाट में बाढ़ आई थी, जिसके चलते बैनगंगा नदी के तट पर बसे वार्ड नं 1 ढीमर टोला में 14 वर्षो से स्थानीय निवासी सार्वजनिक भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित करते थे। मगर इस वर्ष कोरोना काल के चलते भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित नहीं करने का निर्णय लिया गया।

जिससे यहां के बच्चे बहुत दुखी हुए। अपनीइस निराशा को दूर करने के लिए बच्चों ने अपने हाथों से मिट्टी के गणेश स्थापित कर पूजा पाठ शुरू कर दिया। 

बताया गया कि 28 और 29 अगस्त को हुई जबरदस्त बारिश और भीमगढ़ बांध से पानी छोड़ने से आई बाढ़ ने बच्चों की इस आस्था में खलल डाल दी। इस बाढ़ के चलते गणेश प्रतिमा और समूचा इलाका जलमग्न हो गया। जिससे बच्चों का मन बहुत दुखी हो गया था। मगर हैरानी बात तो ये रही कि जब दो दिनों बाद बाढ़ का पानी कम हुआ तो भगवान गणेश की प्रतिमा सही सलामत यथावत दिखी। जिसके बाद बच्चों के साथ-साथ यहां सभी हैरान हो गए।

आपको बताते चलें कि बच्चों को अतिप्रिय भगवान गणेश की आस्था की जीत का यह वाक्या खूब सुर्खियों में है। जलप्रलय के बाद भी भगवान गणेश की यह लीला लोगों को हर किसी के लिए आश्चर्य का विषेय बना हुआ है। इसका कारण यह है कि जिस मंच पर बच्चों ने भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित की थी वहां कोई आधार या मज़बूत पंडाल भी नही था, बल्कि खुले आसमान के नीचे पॉलीथिन और साधारण रूप से गणेश प्रतिमा विराजित की गई है।

बाढ़ में बड़ी बड़ी दीवार, बाउंड्रीवाल,मकान और पेड़ धवस्त हो गए लेकिन यहां पानी में डूबी भगवान गणेश की प्रतिमा सही सलामत रही जिसे लोग चमत्कार के तौर पर देख रहे हैं। कहा जा रहा है बाढ़ की तबाही के बीच गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश की ये लीला वाकई में आस्था के रंग को और भी गहरा करने वाली है।

Jyoti

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