‘सह्याद्रि का गहना’: प्राचीन भारतीय वास्तुकला और गुफाओं के गढ़ की करें यात्रा

Wednesday, Dec 07, 2016 - 11:48 AM (IST)

मुम्बई की भीड़-भाड़ से दूर छुट्टियां बिताने के लिए महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित लोनावला एक लोकप्रिय पहाड़ी स्थल है। शहर की हलचल और शोर से दूर, पूरे वर्ष भर यह हिल स्टेशन अपनी स्वच्छ हवा, प्रदूषण मुक्त वातावरण और सुखद जलवायु के कारण स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रसिद्ध है।


कहने की जरूरत नहीं है कि गुफाओं का गढ़ कही जाने वाली यह जगह घरेलू तथा विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के रूप में अच्छी तरह से सालाना आय का साधन है। समुद्र तल से 625 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह अति सुंदर पहाड़ी क्षेत्र लुभावनी सह्याद्रि पहाडिय़ों का एक हिस्सा है और विस्तार में 38 वर्ग किलोमीटर के आसपास है। मुम्बई से 97 कि.मी. और पुणे से केवल 64 कि.मी. दूर है।


लोनावला का इतिहास
लोनावला संस्कृत के शब्द लोनावली से लिया गया है जिसका मतलब है ‘गुफाएं’। लोनावला शब्द ‘लेन’ जिसका अर्थ है पत्थर से खुदी हुई आराम की एक जगह और ‘अवली’ का अर्थ है एक शृंखला। प्राचीन समय में यहां यादव राजाओं का शासन था। बाद में मुगलों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया और इस क्षेत्र के सामरिक महत्व को समझते हुए लोनावला पर काफी समय के लिए अपना शासन बनाए रखा। 1871 में मुम्बई के गवर्नर सर एल्फिंस्टन ने लोनावला की खोज की। इसकी खोज के समय यह एक घने जंगल के रूप में था और केवल कुछ मुट्ठी भर लोग ही यहां बसे थे।


सह्याद्रि का गहना
लोकप्रिय रूप से लोनावला को ‘सह्याद्रि का गहना’ कहा जाता है। यह लम्बी पैदल यात्रा और ट्रैकिंग के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। इसके अलावा इस जगह के साथ कई ऐतिहासिक किले, प्राचीन गुफाएं और आसपास की शांत झीलें भी जुड़ी हुई हैं। लोनावला के एक तरफ डेक्कन के पठार और दूसरी तरफ कोंकण तट के मनोरम दृश्य हैं और इस शांति का अनुभव करने के लिए मानसून से बेहतर मौसम नहीं हो सकता। साथ ही आप के आसपास व्यापक मनोरम झरने और हरियाली, यह प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ उपहार हैं।


यदि आप एक शांत शाम का आनंद लेना चाहते हैं तो लोनावला में पावना झील, वलालन झील, तुंगरली बांध और तुंगरली झील जैसी प्रसिद्ध झीलों और बांधों पर जाएं। यदि आप ट्रैकिंग और हमारी प्राचीन भारतीय वास्तुकला की खोज का आनंद लेना चाहते हैं तो तुंग, तिलोना और लोहागढ़ के पुराने किलों पर जाएं।


रायवुड पार्क लोनावला में स्थित एक व्यापक बगीचा है और लम्बे हरे-भरे पेड़ों से भरा है। यह छोटे बच्चों के लिए खुशी की एक जगह है जो इसके विशाल मैदान में खेलना पसंद करते हैं। शिवाजी उद्यान भी एक और जगह है जहां लुत्फ मनोरम प्राकृतिक नजारों से उठाया जा सकता है।


हालांकि अगर आप प्राकृतिक अनुभव पर जाना पसंद करते हैं तो राजमची वन्यजीव अभयारण्य एक अच्छी जगह  है। राजमची प्वाइंट से शिवाजी के प्रसिद्ध किले और आसपास घाटी के मोहक दृश्य दिखाई देते हैं। जब आप वहां पर हों तब प्रसिद्ध वाघजई दरी पर जाना न भूलें। इसके अलावा लोनावली में एक विशेष आइटम चिक्की तथा एक कठोर मिठाई कैंडी चखना न भूलिएगा।


अक्तूबर से मई के मध्य छुट्टी बिताने वालों के लिए एक उत्तम समय है जहां शांत और सुखदायक वातावरण रहता है। हालांकि, ज्यादातर मौसमी यात्री मानसून के दौरान लोनावला आना पसंद करते हैं। यहां मौसम पूरे वर्ष के दौरान सुखद और मेहमाननवाज बना रहता है।


शहर से दूर एक आदर्श स्थान
मुम्बई और पुणे से महज एक सौ किलोमीटर दूर इस छुट्टी के स्थान पर वायु, सड़क और रेल द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। प्रमुख शहरों मुम्बई और पुणे के बीच रेल लाइन पर यह एक प्रमुख ठहराव है। यह मुम्बई-पुणे राजमार्ग तथा मुम्बई-पुणे एक्सप्रैस वे पर स्थित है। यदि आप हवाई यात्रा कर रहे हैं।  निकटतम हवाई अड्डा पुणे आपकी लोनावला आने में मदद करता है।


शांत जलवायु, सुंदर वातावरण और सुखद हवा लोनावला को छुट्टी बिताने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। यात्री झरने के साथ चल सकते हैं, एक आलस भरी दोपहर में बहुतायत घास में लेट सकते हैं या लोनावला के चारों ओर ट्रैकिंग पर जा सकते हैं। जब तक कोई यहां आता नहीं है तब तक उसे पता नहीं होता कि वह क्या खो रहा है।
 

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