Happy Lohri: इस खूबसूरत गीत के बिना अधूरा है लोहड़ी का त्यौहार

Sunday, Jan 12, 2020 - 04:47 PM (IST)

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Happy Lohri: 13 जनवरी, 2020 माघ माह की तृतीया तिथि सोमवार के दिन लोहड़ी मनाई जाएगी। आप में से बहुत से लोगों ने सुना होगा कि इस दिन शाम को लोग आग जलाते हैं, जिसे लोहड़ी कहा जाता है और इसकी पूजा भी की जाती है। तो वहीं लोग एक जगह इकट्ठे होकर खूब नाचते गाते हैं और इसका जश्न मनाते हैं। मगर बहुत से लोग होंगे जिन्हें इसे मनाने की विधि विस्तारपूर्वक नहीं पता होगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए लाएं लोहड़ी से जुड़ी खास बातें, जिसमें हम आपको बताएंगे इससे मनाने की सही विधि तथा साथ ही जानेंगे लोहड़ी पर गुनगुनाया जाने वाले सबसे लोक प्रिय गीत के बारे में-            

लोहड़ी के दिन सूर्यास्त के उपरांत एक खुले स्थान पर लकड़ियों का काफ़ी बड़ा ढेर तैयार किया जाता है और वहां धीरे-धीरे मोहल्ले के लोगों की भीड़ जुटने लगती है। सब अपने-अपने घरों से मूंगफली, रेवड़ी, गच्चक, तिल व मक्की के दानों से भरे थाल लेकर आते हैं। लकड़ियों में घी डालकर अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है और सभी बारी-बारी खाने वाले सामान का थोड़ा-थोड़ा भाग अग्रि देव को भेंट करते हैं तथा अच्छे स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। अलाव के जलते ही सब आसपास बिछी चारपाइयों व कुर्सियों पर बैठकर गर्मी लेते हैं, आग सेंकते हैं व एक-दूसरे को सामान बांटते हुए लोहड़ी की बधाइयां देते हैं। कुछ लोगों के लोहड़ी की आग में ‘रोट’ बनाकर अर्पित करने का भी रिवाज़ भी है। गुड़ व आटे से बनी मोटी रोटी बनाकर उसका एक भाग अग्रि को भेंट कर बाकी प्रसाद के रूप में एकत्रित लोगों में बांटा जाता है। मोहल्ले के सभी लोग इस अवसर पर खूब नाचते-गाते और बातें करते हैं।

लोहड़ी का गीत
जैसे कि हमने पहले भी बताया कि आज कल लोहड़ी कई स्थानों पर मनाई जाने लगी है पंरतु पंजाब में इसका रंग देखते ही बनता है। ढोली हर घर के आगे आकर खूब ढोल बजाते हैं व लोहड़ी के गीत गाते हैं। पूरे पारिवारिक सदस्यों के पांव ढोल की खनक पर भांगड़ा और गिद्दा डालने को तत्पर हो उठते हैं। लोहड़ी का गीत तो एक अलग ही समां बांध देता है। 

सुंदर-मुंदरिए-हो
तेरा कौन बेचारा-हो
दुल्ला भट्टी वाला-हो
दुल्ले धी ब्याही-हो
सेर शक्कर पाई-हो
कुड़ी दा लाल पिटारा-हो
कुड़ी दा शालू पाटा-हो, शालू कौन समेटे हो-
चाचा गाली देसे-हो, चाचे चूरी कुट्टी-हो
जिमींदारां लुट्टी-हो, जिमींदार सदाए-हो
गिन गिन पोले लाए-हो, 
इक पोला घिस गया ते
जिमींदार वोहटी लै के नस गया।

Jyoti

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