Live in relationship law: विवाहित मुस्लिम महिला का लिव-इन-रिलेशनशिप में रहना हराम

Sunday, Mar 03, 2024 - 08:06 AM (IST)

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इलाहाबाद (उ.प्र.) (इंट): हाई कोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही शादीशुदा मुस्लिम महिला की दायर याचिका खारिज कर दिया है। महिला ने जान को खतरा बताते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मुस्लिम लॉ के मुताबिक मुस्लिम महिला किसी के साथ लिव इन-रिलेशनशिप में नहीं रह सकती है। लिव इन को इस्लाम में हराम बताया गया है। 

न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की पीठ ने एक विवाहित मुस्लिम महिला और उसके हिंदू लिव-इन पार्टनर द्वारा अपने पिता और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ अपनी जान को खतरा होने की आशंका से दायर सुरक्षा याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही। न्यायालय ने कहा कि महिला के 'आपराधिक कृत्य' को न्यायालय द्वारा समर्थन और संरक्षण नहीं दिया जा सकता।


 

Niyati Bhandari

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