Kundli Tv- पानी में तैरने वाला पत्थर देता है ये सीख

Monday, Oct 08, 2018 - 11:21 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें Video)

मनुष्य की श्रद्धा पानी में पड़े पत्थर की तरह होनी चाहिए। जो पानी में भी अपने आपको स्थिर रखता है। अपने अंदर पानी को प्रविष्ट नहीं होने देता। जहां श्रद्धा डूबने लगती है और वहीं व्यक्ति थोड़े उतार-चढ़ाव से विचलित हो जाता है। श्रद्धावान धीरज से जीवन व्यतीत कर लेता है।

एक अच्छी सोच मनुष्य का जीवन बदल देती है। बुद्धि तो परमात्मा ने सब को दी है। कोई इसका सदुपयोग करते हैं तो कोई फिजूल की बातों में ही उलझे रहते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन को यूं ही गुजार देते हैं। यह सब अपनी-अपनी सोच पर निर्भर करता है।

जिसके पास क्षमा का अभ्यास नहीं वह मामूली बात पर क्रोधित होकर पूरे परिवार का वातावरण ही बिगाड़ देता है। अपने पुण्य भी नष्ट कर देता है और पापों का अधिकारी बन जाता है। धैर्यवान बनें और शांत रहना सीखें।

भगवान बड़े दयालु और कृपालु हैं। शांति और आनंद दोनों भाई-बहन हैं। दोनों जहां होंगे वहीं स्वर्ग है। भगवान को वह प्यारा लगता है जो उसके बनाए इंसानों से प्रेम करता है। प्रेम ही परमात्मा है।

असफलता वह मसाला है जो सफलता का स्वाद देता है।

अनुभव वह है जिसे आप प्राप्त करते हैं और यह तभी प्राप्त होता है जब जो आप चाहते हैं आपको प्राप्त नहीं होता।

अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से जो आपको मिलता है वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना वो सब है जो आपको लक्ष्यों को प्राप्त करते समय मिलता है। 

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Jyoti

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