लॉकडाउन पीरियड में आचार्य चाणक्य से सीखें ये नीतियां, बदल जाएगा जीवन

Thursday, Apr 09, 2020 - 03:30 PM (IST)

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आचार्य चाणक्य, अगर आप इस नाम को अब तक नहीं जानते थे तो यकीनन कोरोना जैसा महामारी से चल रही इस जंग के दौरान हुए लॉकाडाउन में अब आप इन्हें बाखूबी जान लेंगे। क्योंकि इस लॉकडाउन के दौरान टीवी पर ऐसे कई धारावाहिक प्रसारित किए जा रहे हैं। मगर आपको बता दें इस काम में हम भी अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। अपनी वेबसाइट के माध्यस से हम भी पूरे प्रयास कर रहे हैं कि आपके इस समय को व्यर्थ न जाने दें और आप तक इस तरह की अधिक से अधिक जानकारी पहुंचा सके।

तो अब समझ ही गए होंगे कि हम आपको प्राचीन काल के महान विद्वान आचार्य चाणक्य के बारे में बताने वाले हैं।

दुनिया का शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जिसे अपने जीवन में सफल होना की इच्छा नहीं होगी। बल्कि इसके लिए ही तो इंसान उम्र भर मेहनत करता है। मगर कुछ लोगों को ये कहते सुना जाता है कि वो मेहनत को बहुत करते हैं मगर सफलता हासिल कर पाने में सक्ष्म नहीं हो पाते। ऐसे व्यक्तियों के चाणक्य ने कुछ ऐसा कहा है जो उनके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।

बता दें चाणक्य नीति सूत्र आचार्य चाणक्य द्वारा रचित पुस्तक है जिसमें इन्होंने श्लोक के रुप में नीतियों लिखी है। कहा जाता है अगर कोई आम इंसान इन नीतियों पर अमल कर लेता है वो अपने जीवन में बुलंदियां छू लेता है। इतना ही नहीं इनकी नीतियों ने भारत के इतिहास को बदलने में अहम भूमिका निभाई है और आज भी इनकीबताई गई बातों पर लोग अमल करते हैं।

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के छठे अध्याय में एक श्लोक के माध्यम से सफलता के मूलमंत्र को बताया है-

प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शेर एकाग्रता के साथ अपने शिकार पर पूरी ताकत के साथ झपट्टा मारता है, जिससे वो अपने मकसद में सफल हो जाता है। इसी प्रकार मनुष्य का भी अपने लक्ष्य के प्रति ध्यान केंद्र‍ित होना चाहिए और लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी मेहनत के साथ प्रयास करना चाहिए।

काम कैसा भी हो, छोटा या फिर बड़ा, उसे पूरे लगन से करना चाहिए। काम की शुरुआत ऊर्जा के साथ करना चाहिए, ऐसा न हो कि शुरू में ही आप निराश हो जाएं कि नहीं हो सकता।
 

Jyoti

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