रिश्ता निभाने का हुनर सीखें, बनें हर दिल अजीज
Saturday, Aug 19, 2017 - 09:01 AM (IST)
एक बार की बात है कि 2 दोस्त रेगिस्तान से होकर गुजर रहे थे। सफर के दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई और उनमें से एक दोस्त ने दूसरे के गाल पर थप्पड़ मार दिया। जिसने थप्पड़ खाया था उसे बहुत आघात पहुंचा लेकिन वह चुप रहा और उसने बिना कुछ बोले रेत पर लिख, ‘आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मुझे थप्पड़ मारा।’
उसके बाद उन दोनों ने दोबारा चलना शुरू गया। चलते-चलते उन्हें एक नदी मिली। दोनों दोस्त उस नदी में स्नान करने उतरे। जिस दोस्त ने थप्पड़ खाया था उसका पैर फिसल गया और वह पानी में डूबने लगा। उसे तैरना नहीं आता था। दूसरे मित्र ने जब उसकी चीख सुनी तो उसे बचाने की कोशिश करने लगा और उसे निकाल कर बाहर ले आया। अब डूबने वाले दोस्त ने पत्थर के ऊपर लिखा, ‘आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने मेरी जान बचाई।’
वह दोस्त जिसने थप्पड़ मारा और जान बचाई उसने दूसरे दोस्त से पूछा, ‘जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा तब तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तब तुमने पत्थर पर लिखा ऐसा क्यों?’
दूसरे दोस्त ने कहा, ‘रेत पर इसलिए लिखा ताकि वह जल्दी मिट जाए और पत्थर पर इसलिए लिखा ताकि वह कभी न मिटे।’
मित्रों जब आपको कोई दुख पहुंचाता है तब उसका प्रभाव आपके दिलो-दिमाग पर रेत पर लिखे शब्दों की तरह होना चाहिए जिसे क्षमा की हवाएं आसानी से मिटा सकें। लेकिन जब कोई आपके हित में कुछ करता है तब उसे पत्थर पर लिखे शब्दों की तरह याद रखें ताकि वह हमेशा अमिट रहे। इसलिए किसी भी व्यक्ति की अच्छाई को देखें न कि उसकी बुराई को।