वास्तु शास्त्र से जानें कैसा होना चाहिए घर का Guest Room

Sunday, Nov 10, 2019 - 12:25 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र के हमारे घर-दुकान का कोना-कोना इसके अनुसार होना  चाहिए वरना वहां रहने वाले लोगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। तो अगर आप भी नया घर बनवाने की सोच रहे हैं तो सबस पहले वास्तु विशेषज्ञ से अपने घर के नक्शे को ज़रूर दिखा लें और इसके हिसाब से ही अपना हर बनवाएं। और अगर ऐसा करने का समय न हो तो हमारी वेबसाइट के माध्यम से वास्तु में घर आदि सके जुड़ी बातों को जान लें। क्योंकि माना जाता है अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर अपने घर का निर्माण या उसका बदलाव करते हैं तो इससे बहुत तरह के लाभ होते हैं। 

आज हम आपको आप बताने जा रहे हैं घर के एक मुख्य हिस्से के बारे में जिसका वर्णन वास्तु शास्त्र में बाखूबी मिलता है।  आइए जानते हैं कैसा होना चाहिए घर का गेस्ट हाउस 

प्रत्येक घर में कभी न कभी अतिथि आते ही हैं। इसलिए उनके लिए अतिथि कक्ष की व्यवस्था की जाती है। हम यहां आपको वास्तु व अतिथियों की सुविधा-अनुकूल  अतिथि कक्ष से जुड़ी आवश्यक बातें बता रहे हैं। 

अतिथि कक्ष का निर्माण वायव्य कोण, उत्तर दिशा के मध्य अथवा पश्चिम एवं वायव्य कोण के मध्य स्थान पर करवाना चाहिए।

अगर भवन दो मंजिला या तीन मंजिला हो तो भूतल पर पश्चिम अथवा उत्तर दिशा में अतिथि कक्ष बनवाना उचित है।

अगर भूतल पर स्थान उपलब्ध न हो तो अतिथि कक्ष को प्रथम तल (फस्र्ट फ्लोर) पर ही बनवाना चाहिए लेकिन इस कक्ष का स्थान पूर्वोक्त दिशा में ही रखना चाहिए।

अतिथि कक्ष का निर्माण, आग्नेय, ईशान अथवा नैऋत्य कोण में ही करवाना चाहिए। 

अतिथि गैस्ट रूम में अधिक दिनों तक न रहे अर्थात वह स्वयं जल्द से जल्द अपने गंतव्य को चला जाए इसके लिए वायव्य कोण में अतिथि कक्ष बनवाना चाहिए।

भवन या प्रतिष्ठान के ब्रह्म स्थान अर्थात बीचों बीच में गैस्ट रूम का निर्माण नहीं करना चाहिए। यह अत्यंत कष्टप्रद होता है। इससे परिवार के सभी सदस्य मृत्यु तुल्य कष्ट भोगते हैं।

अतिथि कक्ष में ही अटैच बाथरूम एवं शौचालय होना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो अतिथि कक्ष के निकट ही शौचालय एवं बाथरूम होना आवश्यक है।

Jyoti

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