गंगा की सहायक नदियों की सफाई के लिए सार्थक कार्य नहीं हुआ : एन.जी.टी.

Wednesday, Aug 12, 2020 - 09:41 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नई दिल्ली (प.स.): राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मंगलवार को कहा कि गंगा की सहायक नदी ङ्क्षहडन बहुत प्रदूषित नदी है और इसे साफ करने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए। अधिकरण ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि नदी को पुनर्जीवित करने के लिए समन्वय बनाना सुनिश्चित करें। हरित अधिकरण ने कहा कि एक विभाग से दूसरे विभाग पर ठीकरा फोडऩे की बजाय हिंडन के जल की गुणवत्ता ठीक करने के कदम उठाए जाने चाहिएं। पीठ ने कहा कि नदी व्यावहारिक रूप से मृत हो चुकी है और पर्यावरण तथा जनस्वास्थ्य के हित में इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है। 

शहरी विकास, सिंचाई, जल निगम और पर्यावरण सहित संबंधित विभागों द्वारा सार्थक प्रगति हासिल करना जरूरी है। अधिकरण ने कहा कि काली, कृष्णा और ङ्क्षहडन में गिरने वाले सभी नालों के पानी का शोधन किया जाना चाहिए और उन्हें सीवेज शोधन संयंत्र से जोडऩे की योजना बनाई जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव सुनिश्चित कर सकते हैं कि हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनी समिति की कार्ययोजना के मुताबिक सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय बने। अधिकरण ने कहा कि अगर समय सीमा का पालन नहीं किया जाता है तो उल्लंघन करने वालों से पर्यावरण मुआवजा वसूला जाए। 

Jyoti

Advertising