भारत के इस राज्य में दिखेगा साल 2019 का आख़िरी सूर्य ग्रहण

Friday, Nov 15, 2019 - 12:27 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हो या चंद्र ग्रहण दोनों का अपना अलग-अलग शुभ-अशुभ प्रभाव होता है। 12 की राशियों पर प्रत्येत ग्रहण अपना असर डालता है। परंतु सूर्य ग्रहण का धार्मिक मान्यता के मुताबिक प्रभाव ज्यादातर अशुभ होता है। बता दें इस साल के यानि 2019 के अंतिम माह दिसंबर की 26 को इस वर्ष का आख़िरी ग्रहण लगेगा जो सूर्य ग्रहण होगा। ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि ये ग्रहण भारत के राज्य केरल में दिखाई देगा। ये भी बताया जा रहा है इस ग्रहण के दौरान सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। वैज्ञानिकों की भाषा में जिसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। कहा जाता है वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य से दूर होने के बावजूद भी पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। लेकिन यह पृथ्वी को पूरी तरह से अपनी छाया में नहीं ले पाता है। इनकी गणना के अनुसार इस ग्रहण में सूर्य का केवल मध्य भाग ही यानि छाया क्षेत्र में आता है और सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होता है। माना जा रहा है इस ग्रहण भारत में साथ-साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी- पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में भी देखा जा सकेगा।

यहां जानें सूर्य ग्रहण का समय-
ग्रहण प्रारम्भ काल- सुबह 8:17 (26 दिसंबर 2019)
परमग्रास- सुबह 9:31 तक (26 दिसंबर 2019)
ग्रहण समाप्ति काल- सुबह 10:57 तक (26 दिसंबर 2019)
खण्डग्रास की अवधि- 02 घण्टे 40 मिनट्स 22 सेकण्ड्स
अधिकतम परिमाण- 0.56
सूतक प्रारम्भ- 05:32 पी एम, दिसम्बर 25 से
सूतक समाप्त- 10:57 ए एम (26 दिसंबर) को

सूतक-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण से पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल की इस अवधि में समस्त तरह के शुभ कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। यहां तक कि सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस समय किसी भी तरह की पूजा-अर्चना भी नहीं की जाती। न ही सूतक के समय भोजन पकाना होता है। ऐसा माना जाता है ग्रहण की किरणों से भोजन अशुद्ध हो सकता है। इसके अलावा कुछ किंवदंतियों के अनुसार जितना संभव हो इस दौरान शौच जाने से भी बचना चाहिए।

Jyoti

Advertising