आने वाली सप्ताह में नुकसान से बची रहेगी Market

Sunday, Jul 26, 2020 - 11:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
आलोच्य सप्ताह (29 जुलाई से 4 अगस्त तक) के पूर्वाद्र्ध में सितारों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होता किन्तु उतराद्र्ध में दो सितारे-शुक्र तथा बुध अपना राशि परिवर्तन करेंगे। शुक्र वृष राशि को छोड़ कर मिथुन राशि पर जबकि बुध मिथुन से निकल कर कर्क राशि पर प्रवेश करेगा। शुक्र-बुध के राशि परिवर्तन के कारण टूटते-बनते ग्रह योग तथा नक्षत्रों पर ग्रहों की स्थिति में होने वाले बदलाव को देखने से मालूम देता है कि सप्ताह के उत्तराद्र्ध में बाजार में उठापटक बढ़ सकती है, इसलिए व्यापारियों को सजग रह कर काम करना ठीक रहेगा। ख्याल है कि शुरू सप्ताह से बाजार पिछले रुख को पकड़े रखेगा मगर 3 अगस्त से एक नया रुख शुरू हो सकता है। इस सप्ताह में 31 जुलाई, 3 तथा 4 अगस्त खास दिन समझें-वैसे 3 अगस्त को बाजार जंप कर सकता है।

तेल सोया, तेल मूंगफली, सरसों, अलसी, तोरिया, तिल, तेल, बिनौला, अरंडी, खल, सींगदाना, मेंथा, पिपरामैंट, अन्य तेल पदार्थों, वनस्पति इत्यादि में पिछले सप्ताह वाला रुख शुरू सप्ताह से चलता जाएगा। 3 अगस्त को तेजी का झटका आने पर 4 अगस्त को भी तेजी रहेगी।

काटन, पटसन, रूई, कपास, सन्न, सूत, सिल्क, स्टैपल, ऊनी, सूती, रेशमी कपड़े तथा यार्न इत्यादि में 3 अगस्त को जोरदार उठापटक के बाद मजबूती रुख बनेगा। शेयर बाजार में चूंकि आगे ‘अप एंड डाऊन’ के अनेकानेक मौके प्रत्याशित हैं इसलिए व्यापारी सज्जनों को सावधान रह कर काम करना चाहिए। आलोच्य सप्ताह में 3 अगस्त को बाजार में अच्छा उछाल आने की आशा, फिर 4 अगस्त को भी मजबूती का असर।

सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, बहुमूल्य पत्थरों, बहुमूल्य धातुओं, अन्य मैटल्स में कभी ऊपर तथा कभी नीचे का रुझान बना रहेगा। 3 अगस्त के लिए किसी अच्छे मौके पर लगी तेजियां फल सकती हैं। 4 अगस्त भी रेट तेज रहेंगे। गुड़, खांड, शक्कर तथा अन्य मीठी रसदार वस्तुओं तथा मिश्री इत्यादि में शुरू से कमीबेशी के बीच नर्मी का रुख। 3-4 अगस्त तेजी वाले दिन समझें।

गेहूं, गवारा, मटर, मक्की, चने, जौ, बाजरा, अरहर, मूंग, माष तथा अन्य अनाज पदार्थों, दालों इत्यादि में शुरू सप्ताह से उठापटक होती रहेगी। नोट करें कि 3 अगस्त वाला रुख 4 अगस्त को भी बना रहेगा। हाजिर मार्कीट में  शुरू सप्ताह से अनिश्चितता का माहौल रहेगा। किन्तु 2 अगस्त के बाद ग्राहकी तथा माल की मांग का प्रैशर बढ़ सकता है।

Jyoti

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