इस मंदिर में निभाई जाती है मां को जूते-चप्पल चढ़ाने की अजीबो-गरीब पंरपरा

Thursday, May 23, 2019 - 02:24 PM (IST)

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भारत देश में ऐसे कईं मंदिर हैं जिनसे जुड़ी मान्यताएं और इतिहास उनको सबसे विभिन्न बनाते हैं या यूं कहे कि उनकी प्रसिद्धि का कारण बनते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक ऐसी मान्यता प्रचलित है जिसे जानकर शायद आप हैरान हो जाएंगे। जी हां, आप ने आज तक देवी मां के कई मंदिरों के बारे में सुना होगा जहां देवी मां को चढ़ावे में अनेक प्रकार की चीज़ें चढ़ाई जाती है लेकिन जिस देवी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें माता रानी को जो चढ़ावा चढ़ाया जाता है वो किसी और मंदिर में नहीं चढ़ाया जाता है।  

हम बात कर रहे हैं कि कर्नाटक के गुलबरगा में स्थित लकम्मा देवी मंदिर की, जहां देवी लक्ष्मी विराजमान हैं। यहां कि प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में एक नीम का पेड़ है, जिस पर  आने वाले श्रद्धालु चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं। कहा जाता है ऐसा करने से लोगों के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

बताया जाता है कि जिन लोगों के पैरों और घुटनों में दर्द होता है, वे माता को चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं, ताकि उनका दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाए है। यहां पर पैर के दर्द से परेशान भक्तों की सबसे अधिक संख्या आती है।

पौराणिक किंवदंति और कथाओं के अनुसार पहले यहां बैलों की बलि दी जाती थी, लेकिन अब सरकार ने बैलों की बलि पर पाबंदी लगा दी है। स्थानीय लोगों की मानें तो जब से यहां बैलों की बलि पर पाबंदी लगी है, तब से यहां श्रद्धालु चप्पल चढ़ाने लगे और जिसके बाद धीरे-धीरे ये परंपरा बन गई, जो आज तक जारी है।

कहा जाता है कि यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों पूजा करने आते हैं और मां को चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं। बताया जाता है कि यहां पर दीपावली के बाद आने वाली पंचमी को बड़ा मेला लगता है। जिस दौरान यहां  नीम के पेड़ पर चप्पल और सैंडल टांगते हैं। इस कारण इस मेले को फूटवियर फेस्टीवल के नाम से भी जाना जाता है।

Jyoti

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