KundliTv- सही ऑफिस बनाता है धनकुबेर

Tuesday, Jul 10, 2018 - 10:21 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

वास्तुशास्त्र में ऊर्जा समान रूप से कार्य करती है। वह किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं होती कि व्यक्ति ज्यादा धनवान है तो वह वहां पहले और सामान्य व्यक्ति के पास बाद में आएगी। जैसे ब्रह्मांड के सबसे शक्तिशाली ऊर्जा के स्रोत सूर्य हैं। वह सर्वव्यापी हैं। एक समानता पर कार्य करते हैं। उगते ही सभी को प्रकाश देते हैं। यह अलग बात है कि कोई अपना दरवाजा खुला रखता है तो उसे उसका लाभ होगा लेकिन जो बंद रखेगा उन्हें सूर्य के प्रकाश का लाभ नहीं होता।


इसी सिद्धांत के आधार पर जल, वायु, अग्नि व आकाश कार्यरत हैं। वास्तुशास्त्र में ऊर्जा के ऊपर ही सारा लाभ-हानि, योग्यता, अयोग्यता निर्भर करती है। भवन बनाते समय जो सूत्र काम करते हैं वे कुछ अलग हैं क्योंकि भवन में आने वाले सब समान होते हैं। इसके विपरीत आफिस में दिमाग से कार्यरत रहते हैं। हमें सब कुछ देखना होता है। लाभ-हानि व्यक्ति विशेष पर ध्यान आकर्षित करना होता है। वहां हम ज्यादा अपनापन नहीं दिखा पाते। दिमाग चलाना पड़ता है और सूक्ष्म तौर पर कार्य कर अपनी आजीविका के लिए फायदा निकालना जरूरी है। अगर हमें अति सूक्ष्म में काम करना है तो आफिस का चयन भी बड़ी सूक्ष्मता से करना होगा, नहीं तो नुक्सान होता है। काफी ऋण में चले जाते हैं, जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और अज्ञानता वश लोग अपने भाग्य को कोसते रहते हैं लेकिन उनको यह पता ही नहीं कि उनके आफिस में ऊर्जा खराब होने के कारण यह सब भुगतना पड़ा। आफिस वह जगह है जहां पर हमारी जिंदगी संवरती भी है और गलत आफिस में बिखरती भी है इसलिए अच्छे आफिस का चयन करना आपकी नैतिक जवाबदारी है जिससे आपको सही लाभ हो। यही तो वास्तुशास्त्र की सच्ची महिमा कही जाती है।


वास्तु टिप्स 
अगर आपके भवन में सूर्य प्रकाश का अभाव है तो सूर्य यंत्र की स्थापना करें व सुबह की धूप अवश्य लेना प्रारंभ करें। योग में सूर्य नमस्कार के बारह आसन प्रतिदिन करना प्रारंभ करें। रविवार को सूर्य को अर्घ्य देना न भूलें। इससे सारी परेशानी पर रोक लगकर जीवन में समृद्धि का द्वार खुलने लगेगा। 

चुपके से घर के मेन गेट पर रखें ये चीज़ें, मिलेगा पैसा (देखें VIDEO)

Niyati Bhandari

Advertising