KundliTv- आईए जानें, स्वर्ग का सुख कैसे मिलता है

Tuesday, Jul 10, 2018 - 11:38 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)


एक संत महात्मा की बात याद आ गई। वह कह रहे थे कि मस्ती शराब में नहीं बल्कि मनुष्य के अंदर मौजूद है। मनुष्य की मस्ती अर्थात आनंद की अवस्था चिंताओं और दुखी करने वाली बातों से घिरी रहती है। इसलिए मनुष्य इसका अनुभव नहीं करता है। शराब पीने से मनुष्य की चिंताएं और दुख कुछ पल के लिए कम हो जाते हैं और वह अपने आपको शहंशाह समझने लगता है। वह आनंद का अनुभव करने लगता है जोकि उसकी मस्ती की अवस्था को प्रकट करता है। बात बेशक कुछ अजीब-सी लगती है परन्तु गहराई से सोचने पर इस बात में कुछ वजन लगता है। 


एक मूर्तिकार से किसी ने कहा कि आप तो कमाल के कारीगर हो। बेकार पड़े पत्थरों को इतनी सुन्दर मूर्ति में बदल देते हो। मूर्तिकार ने कहा कि इसमें मेरा कोई विशेष कमाल नहीं है। सुन्दर मूर्ति तो पहले से ही पत्थर में मौजूद होती है। मैं तो वह फालतू पत्थर जिससे मूर्ति ढकी होती है, एक तरफ कर देता हूं और सुन्दर मूर्ति प्रकट हो जाती है। 
इन सब बातों से एक बात साफ होती है कि स्वर्ग भी हमारे अंदर हो सकता है। जब हम लोग गाना सुनते हैं तो वही गाना किसी को बहुत अच्छा लगता है और वही गाना सुनकर किसी का सिरदर्द करने लगता है। तो एक बात तो साफ है कि सुख और दुख दोनों हमारे अंदर ही हैं। बस हमको जरूरत है इनको जानने की। चीनी के बारे में आप लोगों को पता होगा कि यह बहुत मीठी होती है लेकिन जिसको मलेरिया होता है उसको बहुत ही बुरी लगती है। इससे यह सिद्ध होता है कि हमारी मानसिक, भौतिक और आत्मिक अवस्था का संसार के ठीक और गलत होने में बहुत बड़ा हाथ है।


हम लोगों की स्वर्ग के बारे में धारणा यही बनी होती है कि यह मरने के बाद मिलता है। बहुत कठिनाई से प्राप्त किया जाता है। बहुत बड़ी तपस्या करनी पड़ती है। एक बहुत ही प्रसिद्ध लेखक ने लिखा है कि अगर आपको मरने के बाद स्वर्ग में रहना है तो आपको मरने से पहले भी रहना होगा। गीता में भी कहा गया है जिसका लोक सुखी उसका परलोक भी सुखी है।


इन सब बातों से यही पता चला है कि स्वर्ग और नरक सब यहीं पर है। अब यह आपको सोचना है कि आपको यहां पर कैसे जीना है।

चुपके से घर के मेन गेट पर रखें ये चीज़ें, मिलेगा पैसा (देखें VIDEO)

Niyati Bhandari

Advertising