Kundli Tv- इन चीज़ों से करें भोलेनाथ का महाभिषेक, मिलेगा मनवांछित फल

Thursday, Aug 02, 2018 - 12:01 PM (IST)

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वैसे तो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अक्सर लोग जल में दूध मिलाकर कच्ची लस्सी और गंगाजल से रुद्राभिषेक करते हैं परंतु घी, तेल, सरसों का तेल, दही, गन्ने के रस और शहद से विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अभिषेक किया जाता है। शिव पुराण की रुद्र संहिता के अनुसार जो व्यक्ति तुलसी दल और कमल के सफेद फूलों से भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। रुद्राभिषेक भी निश्चित अवधि में तथा सम्बंधित मंत्रोच्चारण के साथ किया जाता है। इसके अतिरिक्त ‘ओम नम: शिवाय’ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए और सफेद वस्तुओं का दान अवश्य करें।


विभिन्न वस्तुओं से रुद्राभिषेक करने का पुण्य फल

पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने पर हर प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।


दूध- गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने से मनुष्य को यश और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा घर में खुशहाली आती है। घर से हर प्रकार के कलह एवं कलेश दूर होते हैं।


गंगाजल- भगवान शंकर को गंगा जल परम प्रिय है, इसी कारण गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण कर रखा है।


देसी घी- गाय के शुद्घ देसी घी से अभिषेक करने पर मनुष्य दीर्घायु को प्राप्त करता है तथा वंश की वृद्घि होती है।


गन्ने का रस- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर घर में लक्ष्मी का सदा वास रहता है तथा किसी वस्तु की कभी कोई कमीं नहीं रहती।


सरसों का तेल- सरसों के तेल के साथ रुद्राभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है तथा स्वयं को हर क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है।


सुगंधित तेल- यह चढ़ाने से भोगों की प्राप्ति होती है।


शहद- शहद से अभिषेक करने पर हर प्रकार के रोगों का निवारण होता है तथा यदि पहले ही कोई रोग लगा हो तो उससे छुटकारा भी मिलता है।


मक्खन- मक्खन से अभिषेक करने पर अति उत्तम संतान सुख की प्राप्ति होती है।


धतूरा- धतूरे के एक लाख फूलों से निरंतर अभिषेक करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है परंतु लाल डंठल वाले धतूरे से पूजन करना अति उत्तम माना गया है तथा उसे संतान सुख मिलता है। 


बेल पत्र-  घर में सुख स्मद्घि के लिए सावन के महीने में बेल पत्र से पूजन करना चाहिए तथा जिन्हें पत्नी सुख की प्राप्ति में बाधाएं आती हो, उन्हें 40 दिन तक निरंतर भक्ति भाव से बेल पत्र से भगवान का अभिषेक करना चाहिए अथवा एक दिन 108 बेलपत्र ओम नमों शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ चढ़ाए जाने चाहिए।


चमेली के फूल- चमेली के फूलों से पूजन करने पर वाहन सुख की प्राप्ति होती है।


कमल पुष्प और शंख पुष्प- इन फूलों से भगवान का पूजन करने वालों को लक्ष्मीं यानि धन दौलत की प्राप्ति होती है। भगवान को नीलकमल और लाल कमल अति प्रिय है। इसके अतिरिक्त जल एवं स्थल पर उत्पन्न होने वाले सभी सुगंधित फूलों से भगवान शिव का पूजन किया जा सकता है।


करवीर और दुपहरियां पुष्प- करवीर के फूलों से पूजन करने पर रोग मिट जाते हैं तथा दुपहरिया यानि बन्धूक के पुष्पों से प्रभु का पूजन करने से आभूषणों की प्राप्ति होती है।


हरसिंगार के फूल- भगवान शिव का पूजन करने पर घर में सुख सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।


गेंहू के पकवान- गेहूं के पकवानों से भगवान का पूजन करने पर उत्तम फल की प्राप्ति होती है तथा वंश की वृद्घि होती है।


क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य- जालंधर के सुप्रसिद्घ ज्योतिषिाचार्य एवं पंडि़त आदित्य प्रकाश शुक्ला के अनुसार शिव भगवान का पूजन एवं अभिषेक करना सभी के लिए सर्व श्रेष्ठ है। भोले बाबा इतने अधिक कृपालू हैं कि वह अपने भक्त द्वारा भोले भाव से चढ़ाए गए केवल जल मात्र से भी प्रसन्न होक र कृपा कर देते हैं परंतु जो भक्त रुद्राभिषेक करते समय महामृत्ंयुजयमंत्र का जाप करते है वह विशेष कृपा के पात्र बनते हैंं इसलिए उक्त मंत्र के उच्चारण के साथ ही रुद्राभिषेक करना चाहिए। 

वीना जोशी जालंधर
veenajoshi23@gmail.com

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Niyati Bhandari

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