कुंडली के ग्रह कर रहे हैं बहुत परेशान तो ऐसे करें इनका समाधान

Wednesday, Feb 19, 2020 - 07:04 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो नवग्रह हर संभव तरीके से मानव जीवन पर असर डालते हैं। ये प्रभाव अच्छा होगा या बुरा इस बात का पता लगाने के लिए लोग ज्योतिषियों की मदद लेते हैं। अब लाज़मी है हर कोई बुरे प्रभाव को अच्छे में बदलने के लिए ही उपाय करता है। मगर बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास इतना समय नहीं होता कि वो किसी विद्ववान के पास जाकर इन उपायों को जान सकें। तो ऐसे ही लोगों के लिए हम अपनी वेबसाइट के माध्यम से लेकर आएं हैं ऐसे खास उपाय जिन्हें आप अपनी कुंडली के ग्रहों की स्थिति को ठीक करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक हर जातक की कुंडली में कुछ शुभ व कुछ अशुभ ग्रह होते हैं तो इसके अलावा कुछ ग्रह होते हैं मारक। बता दें जब कुंडली मेंमारक ग्रहों की दशा होती है तब व्यक्ति का जीवन संघर्ष से भर जाता है। यानि सीधा सीधा मतलब हुआ कि शुभ ग्रह के प्रभाव भी कमज़ोर पड़ने लगते हैं। इस बारे में तो ये तक कहा जाता है कि इस दौरान इंसान मौत के मुंह तक ले जाते हैं। कभी-कभी तो सही समय पर समाधान न होने पर व्यक्ति पर जीवन का संकट ही हो जाता है। यही कारण है कि ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की हर चाल को विफल करने के सटीक समाधान मौजूद हैं। 

यहां जानें ग्रहों की मारक दशा को दूर करने के लिए खास उपाय-

मंगल की मारक दशा- 
मंगलवार का व्रत रखें, हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें। नित्य प्रातः और सायं "राम रक्षा स्तोत्र" का पाठ करें। रात्रि में सोने के पहले महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

बुध की मारक दशा- 
प्रथम पूज्य श्री गणेश जी की उपासना करें, हरी वस्तुओं का दान करें तथा 108 "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः" का  बार जाप करें।

बृहस्पति की मारक दशा-
गुरुवार के दिन व्रत रखें, सोना और पीली चीज़ों से परहेज करें। संभव हो तो चने की दाल का दान करें तथा प्रातः विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।  इसके अलावा सायं महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला का जाप करें।

शुक्र की मारक दशा- 
प्रत्येक शुक्रवार को शिवलिंग पर इत्र और जल अर्पित करें, अपनी क्षमता अनुसार सफ़ेद मिठाई का दान करें। हीरा भूलकर भी धारण न करें। नित्य प्रातः और सायं 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। 

शनि की मारक दशा-
प्रातः सूर्य को जल चढ़ाएं, उनके समक्ष बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ें। अपने सर से वारकर पशु को रोटी खिलाएं। सुबह और शाम तीन - तीन माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

Jyoti

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