कुंभ में जाए बगैर कमाएं पुण्य लाभ

Tuesday, Jan 22, 2019 - 05:48 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
पद्यपुराण में कहा गया है, "प्रयागे माघ पर्यंत त्रिवेणी संगमे शुभे। निवासा: पुण्यशीलानां कल्पवासो हि कश्यते।"

कुंभ में सभी लोग नहीं जा पाते हैं लेकिन जाने का सोचते जरूर हैं। यह समय दान, जप, ध्यान और संयम का समय रहता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कुंभ में जाए बगैर ही कैसे पुण्य लाभ कमाया जा सकता है? कुंभ में जहां स्नान करने का महत्व है वहीं कल्पवास में नियम धर्म का पालन करने का महत्व है। दूसरी ओर कुंभ में प्रवचन सुन कर, दान करके और पितरों के लिए तर्पण करके भी लोग पुण्य लाभ कमाते हैं। आप चाहें तो यह सब कुछ करके भी पुण्य लाभ कमा सकते हैं। हर रोज़ हल्दी मिले बेसन में स्नान करने के बाद सुबह-शाम संध्यावंदन करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें और इस मंत्र का जाप करें।  ध्यान रखें खुद को पवित्र रखें : 

संध्यावंदन का मंत्र : 
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपि वा। य: स्मरते पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतर : शुचि:।

आचमन करें: ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम: ॐ माधवाय नम:, ॐ ऋषिकेशाय नम: 

हाथ में नारियल, पुष्प व दक्षिणा लेकर यह मंत्र पढ़ें। इसके बाद आचमन करते हुए गणेश, गंगा, यमुना, सरस्वती, त्रिवेणी, माधव, वेणीमाधव, और अक्षयवट की स्तुति करें।

जब तक कुंभ चल रहा है तब तक प्रतिदिन एक समय का सादा भोजन करें।

आप किसी योग्य व्यक्ति को दान दे सकते हैं। दान में अन्नदान, वस्त्रदान, फलदान, तिल या तेलदान कर सकते हैं।

गाय, कुत्ते, पक्षी, कौवा, चींटी और मछली को भोजन खिलाएं। गाय को खिलाने से घर की पीड़ा दूर होगी। कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आप से दूर रहेंगे। कौवे को खिलाने से आपके पितृ प्रसन्न रहेंगे। पक्षी को खिलाने से व्यापार-नौकरी में लाभ होगा। चींटी को खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी।

संकल्प लें- किसी भी तरह के व्यसन का सेवन नहीं करूंगा, क्रोध और ईर्षा वश कोई काम नहीं करूंगा, बुरी संगत और बुरे वचनों का त्याग करूंगा और सदा माता-पिता एवं गुरु की सेवा करूंगा।
आप भी पूजा में काले कपड़े पहनकर जाते हैं तो...(video)
 

Niyati Bhandari

Advertising