कुंभ के शाही स्नान से रह गए हैं वंचित तो आने वाले इन दिनों में मिल सकता है मौका

Wednesday, Feb 06, 2019 - 02:25 PM (IST)

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जैसे कि सब जानते हैं कि 14 जनवरी से इस साल का कुंभ मेला आरंभ हो चुका है। इस बार का कुंभ प्रयागराज में मनाया जा रहा है। कहा जाता है कि हिंदू धर्म का ये एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस में लाखों-करोड़ों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं। बता दें कि कुंभ का पर्व 12 वर्ष के अंतराल में आता है। हिंदू धर्म के अनुसार कुंभ के दौरान तीर्थों पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहीं कारण है जितनी देर तक कुंभ चलता है भारत देश के हर तीर्थ स्थान पर अधिक श्रद्धालु देखे जाते हैं। क्योंकि इस बार का कुंभ का प्रयागराज में है इसलिए इस दौरान यहां दान-स्नान आदि करना बहुत फलदायक माना जाता है। धर्म के महान जानकारों के अनुसार कुंभ के दौरान 6 शाही स्नान होते हैं। बता दें इन्हें शाही स्नान इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि ये हिंदू धर्म के बहुत शुभ और बड़े पर्वों के दिन होते हैं। ऐसी मान्यता है कि  जो भी व्यक्ति इन 6 शाही स्नानों में से एक भी शाही स्नान कर लेता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुंभ के 3 शाही स्नान निकल चुके हैं, पहला स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन था, दूसरा 21 जनवरी पौष पूर्णिमा के दिन और तीसरा 4 फरवरी मौनी अमावस्या के दिन। लेकिन जैसे कि हमने बताया कि कुंभ में होने वाले शाही स्नानों की संख्या 6 होती है, तो इस हिसाब से अभी भी 3 शाही स्नान बाकी है। तो अगर आप भी 3 शाही स्नान मिस कर चुके हैं, तो यहां जान लें अभी भी आपके पास मौका है, जिससे आपको भी सीधा स्वर्ग या मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।  


तो आइए जानते हैं कि कुंभ में किए जाने वाले अगले शाही स्नान किस-किस दिन पड़ रहे हैं-
10 फरवररी 2019 (बसंत पंचमी)

बता दें कि प्रयागराज कुंभ का अगला शाही स्नान बसंत पंचमी यानि 10 फरवरी 2019 के दिन होगा। प्रयागराज में मां गंगा-यमुना के साथ माता सरस्वती का भी संगम होता है इसलिए इस दिन शस्त्र और शास्त्र में निपुण साधु-संत और माता सरस्वती के साधक बड़ी संख्या में इस विशेष स्नान यानि प्रयागराज में शामिल होने के लिए दूर-दूर से आते  हैं।

19 फरवरी 2019 (माघी पूर्णिमा)
बसंत पंचमी के बाद प्रयागराज कुंभ में अगला शाही स्नान माघ महीने की पूर्णिमा में दिन होगा। साधु-संत और बाकि कुंभ में आने वाले सभी  इस पूर्णिमा के दिन संगम की रेती पर चलने वाला कल्पवास पूरा करने के बाद अपने एक महीने की इस साधना का पुण्यफल पाने के लिए संगम में विशेष डुबकी लगाते हैं।

4 मार्च 2019 (महाशिवरात्रि)
इतना को सब जानते ही होंगे कि आस्था का प्रतीक कुंभ पर्व मकर संक्रांति से शुरु होकर महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होता है। कहा जाता है कि ये खास दिन आस्था की डुबकी लगाने के अंतिम मौका होता है। मान्यता है कि विभिन्न जगहों से आने वाले भगवान शिव के भक्त, साधु-संत और माघ मेले में कल्पवास करने वाले सभी कल्पवासी अपने-अपने स्थान को वापस लौट जाते हैं।

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Jyoti

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