हर साल महाशिवरात्रि से पहले पशुपतिनाथ मंदिर में होती है क्षमा पूजा

Thursday, Feb 25, 2021 - 12:32 PM (IST)

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महाशिवरात्रि का पर्व सभी शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास दिन माना जाता है। देश भर के तमाम शिव मंदिरों में इस दिन खास प्रकार का शिव पूजन होता है। तो वहीं कई प्राचीन स्थलों पर इसकी तैयारियां बहुत पहले ही शुरु हो जाती हैं। इन्हीं में से एक काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष यहां महाशिवरात्रि से पहले क्षमा पूजन का आयोजन किया जाता है। खबरों के अनुसार दक्षिण भारत के विभिन्न मंदिरों से लगभग 25 विशेष पुजारी इस पूजा के लिए पशुपतिनाथ मंदिर पहुंच चुके हैं।

दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर मंदिर में कोई बदलाव करने, मूर्तियों को बदलने या कुछ कारणों से नियमित पूजा में बाधा आती है, तब क्षमा पूजा की जाती है।  पशुपति एरिया डेवलपमेंट ट्रस्ट (PADT)ने क्षमा पूजा अनुष्ठान के लिए 96 नेपाली पुजारियों सहित कुल 121 पुजारियों को आमंत्रित किया है। आपको बता दें कि राजा राणा बहादुर शाह ने 1777 से 1799 तक अपने शासन के दौरान यहां चांदी की जलहरी रखवाई थी। जिसे इस पूजन के दौरान जलधारी (जलहारी) पर सोने की परत चढ़ाई जा रही हैं।

इसको लेकर पीएडीटी के सदस्य ने कहा, हमने सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू कर दिया है, और इसे एक सप्ताह के भीतर मंदिर में रखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा जलहारी को हटाए बिना नई जलहरी रखी जाएगी। और जलहारी के लिए 108 किलोग्राम सोना का उपयोग किया जा रहा है और नई जलहारी पशुपति क्षेत्र के अंदर नेपाली सेना की कड़ी सुरक्षा के बीच रखी जाएगी।

जलहारी बनाने के लिए 10 लोगों को तैनात किया गया है, और उन्हें सुरक्षा कारणों से काम पूरा होने तक बाहर नहीं निकलने का निर्देश दिया गया है। एक निगरानी समिति इस कार्य की निरंतर निगरानी कर रही है, जिसमें धरोहर और सांस्कृतिक विशेषज्ञ शामिल हैं। जहां काम किया जा रहा है, वहां का पूरा क्षेत्र सीसीटीवी की निगरानी में है।

इसके अलावा आपको बता दें कि प्रधानमंत्री के।पी। शर्मा ओली ने इस काम के लिए 30 करोड़ रुपये की पेशकश की थी और अतिरिक्त 20 करोड़ रुपये का प्रबंध पीएडीटी ने किया है। PADT ने मंदिर की छत और मंदिर के सामने बासा में सोने का काम शुरू कर दिया है। इस उद्देश्य के लिए, 30 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए गए हैं। ढकाल ने बताया कि शिवरात्रि उत्सव से पहले मंदिर और बसहा पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी।

Jyoti

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