Krishna Janmashtami Vrat Rules: अगर टूट जाए जन्माष्टमी का व्रत तो इन उपायों से पाएं मन की शांति

punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Krishna Janmashtami Vrat Rules: जन्माष्टमी का पर्व बिल्कुल करीब आ गया है और जन्माष्टमी का त्योहार मनाने के लिए हर तरफ तैयारियां चल रही है। बता दें कि ये कोई आम दिन नहीं हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्री हरि ने भगवान श्री कृष्ण के रूप में इस धरती पर अपना आठवां अवतार लिया था। इस पावन दिन के मौके पर लोग कान्हा की विशेष रुप से पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही भगवान श्री कृष्ण के नाम का व्रत रखते हैं। 1000 एकादशी के व्रत के बराबर माने जाने वाले इस व्रत को रखने के कुछ नियम बताए गए है। जिनका पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है। कहते हैं नियम के अनुसार, व्रत रखने से ही इस व्रत का पूरा फल मिलता है। तो आइए जानते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत नियमों के बारे में। साथ ही अगर गलती से इस दिन व्रत टूट जाए.तो क्या करना चाहिए।

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जन्माष्टमी के व्रत नियम

जन्माष्टमी से एक दिन पहले केवल सात्विक आहार ही लें और तामसिक या मांसाहारी भोजन से बचें।

व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और हाथ में तुलसी पत्ती लेकर भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।

लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करें और उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें।

यदि विवाहित हैं, तो व्रत से पहले ब्रह्मचर्य का पालन करें और जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तिल अर्पित करें।

दोपहर के समय तिल मिश्रित जल से स्नान करना शुभ माना जाता है। इसलिए तिल मिलाकर स्नान अवश्य करें।

शाम को पूजा के समय स्वच्छ और नए वस्त्र पहनें। चाहें तो दिनभर मौन व्रत भी रख सकते हैं।

लक्ष्मी नारायण को कमल के फूलों से सजाएं, व्रत के दौरान केवल फलाहार करें और रात में साधारण भोजन के साथ व्रत का समापन करें।

भगवान श्रीकृष्ण को फल, दही और दूध का भोग अर्पित करें। तुलसी पत्ती युक्त जल पीना इस दिन विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है।

इस दिन क्रोध, विवाद, ईर्ष्या, आदि नहीं करना चाहिए, साथ ही इस दिन कृष्ण के नाम का सत्संग भजन कीर्तन और मंत्रों का जाप करें।

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जन्माष्टमी का व्रत टूट जाएं तो क्या करना चाहिए

अगर इस दिन अनजाने में व्रत टूट जाए तो भगवान श्री कृष्ण की पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें और हाथ जोड़कर उनसे अपनी भूलों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।

अगर संभव हो तो इस दिन घर में हवन आयोजित करें और भगवान श्रीकृष्ण से अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। माना जाता है कि हवन करने से हर दोष दूर होता है और शुभ ऊर्जा का संचार होता है।

इसके अलावा यदि इस दिन व्रत भंग हो जाएं तो भगवान विष्णु के द्वादशाक्षर मंत्र "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय " का 11 बार या तुलसी की माला से जितना संभव हो उतना जाप करें। साथ ही श्री विष्णु को समर्पित स्तोत्रों का श्रद्धा और भक्ति से पाठ करें।

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Content Editor

Sarita Thapa

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