Krishna Janmashtami Mantra: कृष्ण जन्माष्टमी पर करें इन 8 चमत्कारी मंत्रों का जाप, हर संकट होगा समाप्त
punjabkesari.in Friday, Aug 15, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Krishna Janmashtami Mantra: हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जब अंधकारमय रात में द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा की कारागार में माता देवकी की कोख से जन्म लिया था। कहते हैं कि श्रीकृष्ण केवल एक अवतारी पुरुष ही नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांडीय ऊर्जा के प्रतीक हैं। उनके नाम का स्मरण मात्र ही सभी दुखों, कष्टों और संकटों का नाश कर देता है। इस विशेष दिन यदि कुछ चमत्कारी मंत्रों का विधिपूर्वक जप किया जाए तो जीवन में आ रही बाधाएं, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, शत्रु बाधा या करियर में आ रही रुकावटें सब दूर हो सकती हैं। इस आर्टिकल में बात करेंगे कुछ मंत्रों के बारे में जिनका जाप करने से मनचाहा वरदान मिलता है।
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
यह मंत्र आकर्षण, प्रेम, और सफलता के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसका जप करने से आत्मबल, आत्मविश्वास और मानसिक शांति मिलती है।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
यह मंत्र श्रीकृष्ण भक्ति का सर्वश्रेष्ठ और सार्वकालिक मंत्र माना जाता है। इसका नियमित जप व्यक्ति को सांसारिक मोह-माया से मुक्त करता है। जन्माष्टमी की रात इस मंत्र का 108 बार जप करें।
ॐ श्रीं गोपाल विष्टाय नमः
यह मंत्र विशेष रूप से बाल गोपाल की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। संतान सुख, घर में खुशहाली और सौभाग्य के लिए यह मंत्र बेहद लाभकारी है।
ॐ देवकीनंदनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि,
तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात्
यह मंत्र संकटों से रक्षा करता है। विशेषकर यदि आप शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी या मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं तो यह मंत्र कारगर है।
ॐ क्लीं गोपीजन वल्लभाय स्वाहा
यह मंत्र प्रेम संबंधों, दाम्पत्य सुख, और आकर्षण शक्ति के लिए उपयोगी है। जिन्हें प्रेम जीवन में समस्याएं हैं, उन्हें जन्माष्टमी की रात यह मंत्र अवश्य जपना चाहिए।
ॐ वंशीधराय विद्महे, गोपालाय धीमहि,
तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात्
यह मंत्र जीवन में मधुरता और सौंदर्य बढ़ाने के लिए जप किया जाता है। यह मानसिक शांति और संगीत/कला से जुड़े लोगों के लिए विशेष फलदायक है।
ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण की पूर्णता और दिव्यता को समर्पित है। जीवन में सफलता, पूर्णता और आत्मसंतोष के लिए यह मंत्र जपें।
वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्,
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगतगुरुम्
यह मंत्र श्रीकृष्ण को नमन करते हुए जीवन के अज्ञान को दूर करता है। आध्यात्मिक उन्नति के लिए इसे जपना अत्यंत शुभ माना गया है।