एक ऐसा मंदिर जहां भगवान के दर्शनों के लिए पुरूषों को करना पड़ता है 16 श्रृंगार
Tuesday, Nov 26, 2019 - 02:16 PM (IST)
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हमारे भारत देश में ऐसे बहुत से मंदिर विख्यात हैं, जिनकी मान्यताएं अलग-अलग हैं। कई तो ऐसे मंदिर भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है। कई मंदिरों की अपनी-अपनी परंपरा रही है। जैसे कि किसी मंदिर में उम्र या लड़कियों का जाान वर्जित होता है। इसी तरह से आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पुरूषों को लड़कियों की तरह 16 श्रृंगार करके भगवान के दर्शनों के लिए जाना पड़ता है। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन केरल के कोल्लम ज़िले के श्री कोत्तानकुलांगरा मंदिर में पुरुषों को महिलाओं की तरह पूरा सोलह श्रृंगार करके मंदिर में प्रवेश करना होता है।
केरल के कोल्लम ज़िले में श्री कोत्तानकुलांगरा देवी मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों को न केवल महिलाओं की तरह साड़ी पहनना पड़ता हैं बल्कि उन्हीं की तरह गहनें तथा सोलह श्रृंगार करना पड़ता है। मंदिर में प्रत्येक वर्ष चाम्याविलक्कू त्योहार मनाया जाता है। जिसमें हज़ारों की संख्या में पुरुष श्रद्धालु आते हैं। उनके तैयार होने के लिए मंदिर में अलग से मेकअप रूम बनाया गया है। इस त्योहार में शामिल होने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है।
यह है मंदिर को लेकर मान्यताएं पुरुषों और महिलाओं के अलावा ट्रांसजेंडर्स भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर को लेकर ऐसी मान्यताएं है कि इस मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति स्वयंभू है। राज्य का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर छत या कलश नहीं है। अपनी खास परंपराओं व मान्यताओं के लिए यह दिनों-दिन दुनियाभर में प्रसिद्धि हासिल करता जा रहा है। कहते हैं कि पुरुष यहां पर अच्छी नौकरी और अच्छी पत्नी की मुराद लेकर आते हैं और मंदिर के नियमों के अनुसार पूजा करने से उनकी यह इच्छा पूरी हो जाती है। यही वजह है कि काफी संख्या में पुरुष यहां महिलाओं के वेश में पहुंचते हैं। साथ ही मां की आराधना करके उनसे मनोवांछित नौकरी और पत्नी का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं।
एक किवदंती के अनुसार प्राचीन समय में कुछ लोग एक पत्थर पर नारियल फोड़ रहे थे इसी दौरान पत्थर से खून निकलने लग गया, जिस के बाद से यहां देवी की पूजा होने लगी।