Sharad Purnima: इस 1 रात में आपको मिल सकता है तन-मन और धन का हर सुख

punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 02:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kojagiri Purnima: शरद पूर्णिमा (कोजागरी पूर्णिमा) का सीधा संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। इसे कोजागरी पूर्णिमा इसलिए कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी आकाश से विचरण करती हैं और देखती हैं, कौन जाग रहा है ? जो साधक या गृहस्थ इस रात जागकर मां लक्ष्मी का पूजन और व्रत करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। यदि कोई व्यक्ति शरद पूर्णिमा की रात जागरण करता है और लक्ष्मी जी का ध्यान करता है, तो मां लक्ष्मी उसके घर स्थायी निवास करती हैं। यह रात धन-धान्य, स्वास्थ्य, प्रेम और सुख-शांति प्राप्त करने के लिए अद्वितीय है।

PunjabKesari Kojagari Purnima

Sharad Purnima significance  शरद पूर्णिमा का महत्व
धन और सुख-समृद्धि:
यह रात लक्ष्मी जी के पृथ्वी पर अवतरण की मानी जाती है।
चंद्रमा की अमृत वर्षा: इस रात चांद की किरणों में अमृत तुल्य ऊर्जा मानी जाती है, जो सेहत, मन और संबंधों को मधुर बनाती है।
भक्ति और साधना: देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
उपचारात्मक महत्व: इस रात को बनाए गए खीर या दूध को चांदनी में रखने के बाद सेवन करने से रोग नाश और स्वास्थ्य लाभ होता है।

PunjabKesari Kojagari Purnima
Sharad Purnima and Lakshmi relation शरद पूर्णिमा और लक्ष्मी संबंध
देवी लक्ष्मी को इस रात जागरण, भजन-कीर्तन और दीपक अर्पण विशेष प्रिय होता है।
घर के प्रत्येक कोने में दीपक जलाना लक्ष्मी जी के आगमन का निमंत्रण माना जाता है।
शास्त्रों में वर्णन है कि जो व्यक्ति इस रात श्रद्धा से मां लक्ष्मी का पूजन करता है, उसके घर में धन की कमी नहीं रहती।

PunjabKesari Kojagari Purnima
Sharad Purnima upay  शरद पूर्णिमा के उपाय
लक्ष्मी पूजन:
सायंकाल मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करें। 11 या 21 दीपक प्रज्वलित करें।

PunjabKesari Kojagari Purnima

खीर का महत्व: चांद की चांदनी में खीर रखकर रात भर रखें और सुबह परिवार को प्रसाद स्वरूप खिलाएं। यह प्रसाद जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।

जप और ध्यान: ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः का 108 बार जप करें। विष्णु सहस्रनाम या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।

दान-पुण्य: गरीब या जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र और मिठाई दान करें। विशेषकर स्त्रियों और कन्याओं को वस्त्र व श्रृंगार सामग्री दें।

चंद्र दर्शन: रात को खुले आकाश में बैठकर चांद का दर्शन करें। चांद की किरणें तन और मन को शीतलता प्रदान करती हैं।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News