नफ़रत में बदल रहा है आपका प्यार तो सुधारें अपने ग्रहों की दशा

Tuesday, Dec 03, 2019 - 02:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
लव मैरिज, ये तो आज कल आम बात हो गई है। हर कोई अपनी पसंद से शादी करना पसंद करता है। बहुत से लोग अपने प्यार को पाने में यानि प्रेम विवाह करने में सफल भी हो जाते हैं। परंतु बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनकी लव मैरिज आगे चलकर सक्सेस नहीं हो पाती। जिस कारण बहुत से लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं तो कुछ अजीबो-गरीब स्थिति में चले जाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यो होता है। क्यों प्यार नफ़र या धोखे में बदल जाता है। तो आपको बता दें कहीं न कहीं इसका कारण  राहु ग्रह हो सकता है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिस किसी की कुंडली मे राहु अशुभ प्रभाव प्रदान करता है उसके जीवन में कल्पना तथा भ्रम पैदा होता है। इसके अशुभ प्रभाव से सबसे ज्यादा संभावना बढ़ती है धोखे की। तो वहीं बुध ग्रह को चतुराई और छल फरेब को पैदा करता है। जिसके चलते पति-पत्नी एक दूसरे को धोखे देते हैं। मगर आपको बता दें ज्योतिष शास्त्र में इस सारी जानकारी के साथ-साथ कुछ उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें अपनाने के बाद इनसे बचा जा सकता है। ता आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास जानकारी व साथ ही जानेंगे इससे बचने के विशेष उपाय-

लव मैरिज में धोखे की संभावनाएं के संकेत-
बताया जाता है चतुर्थ,पंचम और सप्तम भाव प्रेम मामल में बड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा शुक्र और मंगल की स्थिति भी इसमें महत्वपूर्ण मानी जाती है। अगर कुंडली में राहु की भूमिका हो तो प्रेम में धोखा मिलने के अधिक आसारा नज़र आते हैं। तो वहीं बुध की स्थिति से प्रेम भावनाओं से नहीं बल्कि बुद्धि से होता है। ऐसी मान्यता है कि कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए प्रेम में धोखा मिलने की अधिक संभावना रहती है।

इसके अलावा बताया जाता है जिन लोगों की कुंडली के सातवें भाव या इसके स्वामी के साथ राहु का संबंध हो तो धोखा मिलना निश्चित होता है। तो वहीं शुक्र की ख़राब स्थिति के चलते भी विवाह के बाद पार्टनर से धोखा मिलने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं। कुंडली में गुरु चांडाल योग के होने से भी धोखा मिलने के योग बनते हैं। साथ ही साथ बताते चलें जिन लोगों की कुंडलियों में चन्द्रमा कमज़ोर होता है उन्हें भी विवाह में धोखा मिलता है।

धोखे से बचने के उपाय-
प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें, गायत्री मंत्र का जप करें। हर माह में आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा को उपवास रखें।

किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेकर पन्ना या पुखराज धारण करें।

कुंडली में राहु और शुक्र की स्थिति पर अच्छे से विचार करके ही विवाह का निर्णय लें। सही व शुभ मुहूर्त में ही विवाह करें। ज्योतिष विद्वान की सलाह से पीला पुखराज धारण करें तथा साथ ही नियमित रूप से देवी कवच का पाठ करें।

Jyoti

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