जानिए, कब होगा चातुर्मास व्रत का संकल्प पूरा और शुभ कार्यों का आरंभ

Monday, Oct 30, 2017 - 12:35 PM (IST)

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी देवोत्थान, प्रबोधिनी एवं देव उठानी एकादशी के नाम से प्रसिद्घ है तथा इस बार यह एकादशी 31 अक्तूबर को है। देव प्रबोधिनी एकादशी को देव दीवाली भी कहते हैं क्योंकि सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन से ही रुके हुए विवाह आदि के शुभ मुहूर्त भी शुरु होते हैं ,परंतु गुरु अस्त होने के कारण इस बार विवाह आदि उत्सवों के लिए लोगों को 7 नवम्बर तक इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि गुरु 7 नवम्बर को ही उदय होंगे। कुछ लोग शुभ कार्यों के लिए शुक्र का उदय होना ही जरुरी मानते हैं परंतु कुछ विद्वान गुरु के उदय होने का भी इंतजार करते हैं।


एकादशी पर भगवान श्री विष्णु जी का पूजन किया जाता है तथा इसी दिन तुलसी विवाह एवं चातुर्मास व्रत के नियमों का पालन करने वालों का संकल्प भी पूरा होगा तथा वे लोग उद्यापन करके व्रत पूरा करेंगे। पदमपुराण के अनुसार भगवान विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की हरिशयनी एकादशी को चार मास तक क्षीर सागर में शयन करने के लिए जाते हैं तथा कार्तिक मास की देवप्रबोधिनी एकादशी को जागते हैं। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा को त्याग कर उठते हैं तथा यह दिन सभी के लिए विशेष महत्व रखता है। 


जिन लोगों ने एकादशी से एकादशी यानि 4 जुलाई (देवशयनी एकादशी) से चातुर्मास व्रत के नियम का पालन करने का संकल्प किया था वह 31 अक्तूबर को अपने  चातुर्मास व्रत के नियम का उद्यापन करके अपना व्रत पूरा करेंगे। उन्होंने पिछले चार मास में जिन सब्जियों आदि खाने पीने की वस्तुओं का त्याग किया हुआ था वह अब उनका सेवन कर सकेंगे। जिन भक्तों ने पूर्णिमा यानि 9 जुलाई से पूर्णिमा तक के चातुर्मास व्रत करने का संकल्प किया था वह 4 नवम्बर को अपने व्रत का पारण करेंगे। इसके अतिरिक्त जिन भक्तों ने सक्रांति से सक्रांति तक अपना चातुर्मास व्रत शुरु किया था अर्थात जिन्होंने 16 जुलाई से अपने व्रत का संकल्प शुरु किया था वह 16 नवम्बर को व्रत का पारण करेंगे।  


वीना जोशी 
veenajoshi23@gmail.com

 

Advertising