भीष्म पितामह से जानिए कैसे लोग करते हैं Suicide?
Monday, Jun 15, 2020 - 05:50 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक ओर जहां कोरोना के कारण देश में हो रही मौतों की संख्या में लगातार बढ़त देखने के मिल रही है तो दूसरी ओर बॉलीवुड को मानो इन दिनों किसी की बुरी नजर लग गई हो। आए दिन किसी न किसी एक्टर की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। बीते दिन कई हिट फिल्में कर चुके एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने अपने घर में फंदा लगाकर खुदखुशी कर ली। जिसके बाद बॉलीवुड के साथ-साथ पूरा देश स्तब्ध रह गया है। वजह अब तक हर कोई जान ही चुका है कि तनाव के कारण आज कल लोगों की जिंदगी छोटी होती जा रही है। ऐसे में लोग कई बार कोशिश तो करते हैं परंतु बहुत जल्दी हार भी मान जाते हैं। इसीलिए ज़रूरी है कि हर कोई इस चीज़ को समझे कि कैसे मानसिक तनाव जैसेी बीमारी पर जीत हासिल कर, अपनी छोटी जिंदगी को लंबी आयु देकर खुशनुमा बना सकते हैं।
तो आइए जानते हैं महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक भीष्म पितामह द्वारा बताई गई 3 ऐसी बातों के बारे में, जिसमें लंबी आयु पाने के तरीके बताएंगे।
कभी न करें अपने जीवन का परित्याग
श्लोक-
एता बुद्धिं समांस्थय जीवितत्यं सदा भवेत् ।
जीवन् पुण्यमवाप्नोति पुरुषो भद्रमश्नुते।।
भीष्म पितामह कहते हैं हर व्यक्ति के लिए पुण्य का संचय करना बेहद ज़रूरी होता है मगर पुण्य कर्मों का संचार केवल वहीं कर सकता है जो जीवित है। इसलिए कभी भी जीवन का परित्याग नहीं करना चाहिए। पितामह ये भी कहते हैं कि जीवन से निराश कभी न हो और कभी आत्महत्या का विचार मन में नहीं लाएं।
हर मुमकिन कोशिश करें
श्लोक-
यथा यथैव जीवेद्धि तत्कर्तव्यमहेलया।
जीवितं मरणाच्छ्रेयो जीवन्धर्ममवाप्नुयात्।।
हर व्यक्ति को चाहिए जीवन को टिकाए रखने के लिए जो भी करना पड़े वह ज़रूर करें, क्योंकि मरने से कई गुना अच्छा होता डटकर जीना, इसलिए जीने के लिए जो बस में हो करना चाहिए। मगर इस बात का ध्यान रखें कि इनमें सद्कर्म ज़रूर शामिल हो। इससे धर्म भी मिल जाएगा और जीवन भी अच्छा चलता है।
लंबी आयु
श्लोक-
आचाराल्लभते ह्यायुराचाराल्लभते श्रियम्।
आचारात्कीर्तिमाप्नोति पुरुष: प्रेत्य चेह च।।
भीष्म पितामह के अनुसार आचार से मनुष्य को लंबी आयु मिलती है तथा इसी से ही मनुष्य को संपत्ति भी हासिल होती है। अच्छे आचार विचार से ही व्यक्ति इस लोक और परलोक में निर्मल कीर्ति प्राप्त करता है। तो अगर आप लंबी आयु पाना चाहते हैं अपना आचार विचार ऐसा रखें।