खरमास में ज़रूर करें ये 3 काम, बदल जाएगा आपका भाग्य

Wednesday, Dec 16, 2020 - 02:28 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे की सब जानते हैं मलमास का माह आरंभ हो चुका है। सनातन धर्म मे जिस तरह हर माह का खासा महत्व है, उसी तरह इसको भी विशेष माना जाता है। इस मास से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। जैसे इस मास में क्या करना चाहिए क्या नहीं। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस मास का क्या महत्व है। साथ ही साथ जानते हैं कि इस मास में किस तरह के नियमों का पालन करना चाहिए। 

धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं की मानें तो मलमास को खरमास के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है इस मास में तमाम तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से सबसे पहले शुभ समय व मुहूर्त को देखा जाता है। तो वहीं सूर्य की चाल को भी ध्यान में रखना आवश्यक माना जाता है। परंतु क्योंकि इस मास में सूर्य देवता के घोड़ों की चाल धीमी होती है, कहा जाता है इसलिए भी इस मास में शुभ कार्य नहीं किए जाते। तो वहीं ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि जब सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है उसके बाद से खरमास का माह आरंभ होता है। 

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनवुसार इस मास को अधिक शुभ नहीं माना जाता जैसे शादी, सगाई, वधु प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि करना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा इस मास में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण ही इसे मलमास कहा जाता है। परंतु इसमें कुछ कार्यों को करना लाभदायक माना जाता है। 

यहां जानें क्या है वो नियम- 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास का महीना एक ऐसा महीना है जिसमें दान और पुण्य करने का सबसे अधिक फल मिलता है। इसलिए कहा जाता है इस माह में जितना हो सके जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करनी चाहिए, उतना ही आपको लाभ होगा।

इसके अतिरिक्त इस मास में सेहत और समृद्धि के लिए हर रोज़ सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए, प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करना चाहिए। इसके बाद चढ़ते सूरज को अर्घ्य देना चाहिए।

मलमास के इस महीने में गोशाला जरूर जाना चाहिए, गायों को गुड़ और हरा चना खिलाएं। अगर ऐसा संभव न हो तो घर में गाय की मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इस पूरे महीने गाय की पूजा ज़रूर करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न होते हैं। 

Jyoti

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