पितृ पक्ष के आरंभ के साथ ही समाप्त हो जाएगा दक्षिण भारत का ये प्रसिद्ध पर्व

Saturday, Aug 29, 2020 - 05:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भारत देश की जनसंख्या लगभग 130 करोड़ हैं। जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आदि समस्त धर्म के लोग शामिल हैं। जाहिर है अगर इतनी ज्यादा जनसंख्या हैं तो हमारे देश में मनाए जाने वाले पर्व और त्यौहार की लिस्ट भी बहुत लंबी होगी। कहा जाता है देश के हर हिस्से की अपनी विभिन्न मान्यताएं व पर्व आदि हैं। इसी में त्यौहार है ओणम, जो मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। बता दें इस बार ओणम का ये 21 अगस्त दनि शुक्रवार से शुरू हो चुका है, जो अब 02 सितंबर तक यानि बुधवार को मनाया जाएगा। 

इस दिन हो रहा है ओणम का समापन- 
ओणम महोत्सव का प्रारंभ- 21 अगस्त, शुक्रवार 
थिरुवोणम नक्षत्र आरम्भ- अगस्त 30, 2020 को दोपहर 01 बजकर 52 मिनट से 
थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त- अगस्त 31, 2020 को दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक 
ओणम महोत्सव का अंतिम दिन- 2 सितंबर, बुधवार

इसी के साथ बता दें कि ओणम मखासतौर पर 31 अगस्त, दिन समोवार को मनाया जाएगा। ये केरल का सुप्रसिद्ध त्यौहार है। यहां इसकी इतनी लोक प्रियता है कि केरल सरकार द्वारा भी इसे पर्यटन त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन राजा महाबली को याद करते हैं, जिन्होंने भगवान विष्णु के वामन अवतार के दौरान उन्हें अपना तीग पग भूमि में अपना मस्तक प्रधान कर दिया था। 

क्या है इस त्यौहार का महत्व-
ओणम के खास अवसर पर केरल के लोग राजा महाबली को याद करते हैं तथा किसान भाई अपनी नई फसल की खुशी मनाते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से दक्षिण भारत में इसे महापर्व के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा लोग इस दिन घर के दरवाज़ों के बाहर फूलों की रंगोली बनाते हैं, जिसके बारे में मान्यता है ऐसा करने से घर में शुभता होती है। इन्हीं मान्यताओं के चलते ओणम महोत्सव में फूलों का अधिक महत्व होता है। बता दें दक्षिण में ओणम पर्व के दौरान पारंपरिक नवरस भोजन, नाव रेस, नृत्य, संगीत और महाभोग जैसे कार्यक्रमों का विशेष रूप में आयोजन किया जाता है। 

Jyoti

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