किस काम से घर आएंगी दैवीय शक्तियां

Friday, Apr 27, 2018 - 04:41 PM (IST)

                                          

एक सुखद आशियाने की पहली पहचान है घर में बना देवालय। इसे सुख और समृद्धि के साथ परिवार में उन्नति का मूल भी माना जाता है, लेकिन अक्सर हम देवालय की घर में स्थापना को लेकर दुविधा में रहते हैं क्योंकि भूखंड में देवालय की उचित स्थिति ही हमारी उन्नति का कारण है। घर में दैवीय शक्तियों की स्थापना से पहले कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।


पूजा-पाठ से मन को शांति मिलती है लेकिन रोजाना मंदिर जाना मुमकिन नहीं हो पाता. ऐसे में अक्सर लोग घर में ही मंदिर स्थापित करते हैं. सुख शांति और सकारात्‍मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए घर में मंदिर का उचित स्‍थान पर होना भी बहुत जरूरी है.

अगर आप शुभ फल पाने की इच्‍छा रखते हैं और अपने घर-परिवार पर प्रभु की कृपा दृष्टि बनाए रखना चाहते हैं तो घर में मंदिर के कुछ जरूरी नियमों और बातों का ध्‍यान जरूर रखें. आइए जानें क्‍या हैं वे जरूरी बातें...


पूजा घर निर्माण में ध्यान रखें
यदि बैठकर पूजा आदि करनी हो तो आप फर्श से पूजा घर ऊंचा रखें। पूजा घर की सीमा या बाऊंड्री आम फर्श से ऊंची रखनी जरूरी है।


जब आप पूजा करने बैठें तो आपका चेहरा पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।


ईशान क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें, वहां आप तुलसी का पौधा अथवा गमले लगा सकते हैं।


नित्य तुलसी के पौधे पर सुबह और सूर्य अस्त के समय घी का दीपक जलाना शुभ और उन्नति का सूचक है।


पूजा घर में तीन अंगुल से ज्यादा बड़ी प्रतिमाओं को स्थापित न करें। तीन अंगुल से बड़ी प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिए उनकी प्राण-प्रतिष्ठा करनी होती है। अत: घर में प्राण-प्रतिष्ठा के बिना इतनी बड़ी प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए।


कभी भी जमीन पर खड़े या बैठकर पूजा न करें, आसन बिछाएं। बिना आसन पूजा व्यर्थ जाएगी। आसन, कुशा, ऊन या प्लास्टिक का होना चाहिए।


जिस रूम में मंदिर हो वहां जूते-चप्प्ल नहीं लेकर आने चाहिए।


एक घर में बहुत सारे मंदिर न बनाएं, इससे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं।

Niyati Bhandari

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