2 साल के बाद शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा, संपूर्ण जानकारी के लिए पढ़ें ये खबर

Wednesday, Jul 13, 2022 - 05:07 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
14 जुलाई से इस वर्ष का श्रावण मास आरंभ होने जा रहा है। इस मास में शिव भक्त पूरी श्रद्धा भावना से अपने आराध्य शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं। बात करें शिव जी की तो कहते हैं ॐ यानि भगवान शंकर में ही आस्था व समस्त संसार है। ऐसे में श्रावण का मास शिव जी भक्तों के लिए अपनी आस्था को चरम पर ले जाने का बेहद शुभ अवसर माना जाता है। बात करें इस बार के श्रावण मास की तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये मास इस बार बेहद शुभ योग के अंतर्गत माना जा रहा है। जिसकी जानकारी हम आपको अपनी वेबसाइट माध्यम से पहले ही दे चुके हैं। इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कांवड़ यात्रा के बारे में- 

श्रावण माह के दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कांवड़ यात्रा निकालते हैं। श्रावण माह में लाखों की तादाद में कांवड़िए दूर जगहों से आकर गंगा जल से भारी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्रा को कांवड़ यात्रा बोला जाता है। कांवड़ में भरा ये गंगाजल सावन की चतुर्दशी पर भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। बता दें कांवड़ यात्रा धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसके चलते हर साल लाखों की संख्या में कांवड़िए इस यात्रा में भाग लेते हैं। लेकिन कोरोना वायरस के चलते दो साल तक कांवड़ यात्रा बंद रही। लेकिन इस साल शिव भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जी हां  दो साल के बाद 14 जुलाई यानि कि कल से कावड़ यात्रा शुरू होने जा रही है जो 26 जुलाई तक चलेगी। आइए जानते हैं इससे जुड़ी अन्य जानकारी- 
 

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जैसा कि हमने बताया कि इस साल 14 जुलाई से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा चलेगी। बता दें कि इस बार लगभग चार करोड़ शिवभक्तों के कांवड़ यात्रा में शामिल होने के आसार हैं। जिसे देखते हुए पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर खास प्रबंध किए हैं। इतना ही नहीं गंगाजल लेकर लौटने वाले शिवभक्तों की निर्बाध यात्रा के लिए उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में ही लगभग 20 हजार पुलिस कर्मी लगाए गए हैं। तो वही कांवड़ यात्रा के लिए निर्धारित किए मार्गों पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की पूरी तैयारी चल रही है। रोक लगाने के अलावा प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की जाएगी।  

एक और खुशखबरी की बात बता दें कि इस बार यूपी की सरकार द्वारा यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी तंत्र स्थापित किया जा रहा है। पहली बार सोशल मीडिया पर निगरानी की व्यवस्था भी की गई है। इस साल कांवड़ यात्रा में लाठी-डंडे, नुकीले भाले और अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। हरिद्वार से दिल्ली और राजस्थान आवागमन के लिए कांवड़ियों को सड़क मार्ग के बायीं ओर चलना होगा।   तो वही कांवड़ियों के लिए शिविर और भंडारे सड़क किनारे से 15 फीट दूर रहेंगे।  एक और महत्वपूर्ण जानकारी बता दें कि इस साल की कांवड़ यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू कर दी गई है। यात्री अपने मोबाइल फोन से kavad.delhipolice.gov.in अपना पंजीकरण करा सकते हैं। आखिर में आपको बताते चलें कि कांवड़ यात्रा से जुड़ी छोटी से पौराणिक मान्यता जिसके अनुसार सबसे पहले कांवड़िया भगवान राम जी थे। उन्होंने सुल्तानगंज से कांवड़ में गंगाजल लाकर बाबा धाम के शिवलिंग का जलाभिषेक किया था।  

Jyoti

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