क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्यौहार, जानें कारण

Friday, Jul 29, 2022 - 10:29 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रावण मास चल रहा है जो अब धीरे धीरे अपने आखिरी चरम की ओर बढ़ रहा है। उसी के साथ इस मास में पड़ने वाले त्यौहार कतार में लगे हुए हैं। जिसके अनुसार अब आने वाला है श्रावण मास का नाग पंचमी का त्यौहार। हिंदू पंचांग के अनुसार ये पर्व सावन मास की पंचमी तिथी के दिन मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में सर्प का बहुत महत्व बताया गया है बल्कि हिंदू धर्म में इन्हें देवता का दर्जा दिया गया है। चूंकि श्रावण मास भगवान शिव को अधिक प्रिय है, अतः इस मास में इनकी तो पूजा लाभदायक होती है। तो वहीं इस माह में शिव जी के साथ-साथ उनके गले का आभूषण यानि नाग देवता की भी पूजा भी बेहद लाभदायक माना जाता है। बता दें हिंदू धर्म में नाग पंचमी के त्यौहार लोग विधि वत रूप से नाग देवता की पूजा करते हैं तथा साथ ही साथ इन पर दूध आदि चढ़ाते हैं। माना जाता है इनकी आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि की बढ़ोरती होती है। ये सब जानकारी के बारे में लगभग लोग जानते ही हैं, परंतु बहुत कम लोग इस मनाने के कारण जानते हैं। तो अगर आप भी जानते हैं तो आगे जानें नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा। 

बता दें हमारे शास्त्रों में तथा समाज में एक ही पर्व को लेकर विभिन्न प्रकार के मत व कथाएं प्रचलित हैं, नाग पंचमी को लेकर कई तरह की मान्यताएं व कथाएं प्रचलित हैं जिससे जुड़ी एक पौराणिक कथा से हम आपको अवगत करवाने जा रहे हैं- 
 

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नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा-
किसी राज्य में एक किसान रहता था। वह बहुत मेहनती था। उसके दो पुत्र और एक पुत्री थी। परिवार का पालन पोषण करने के लिए वह हल जोतता था। एक दिन गलती से हल जोतते समय उससे नागिन के तीन बच्चे कुचले गए। जब नागिन ने यह देखा तो वह रोने लगी और उसे बहुत क्रोध आया, तब उसने अपने बच्चों के हत्यारे से बदला लेने के बारे में सोचा। उसके बाद रात को वह नागिन किसान से बदला लेने के लिए उसके घर पहुंची और वहां जाकर उसने किसान, दोनों पुत्र और उसकी पत्नि को डस लिया।


अगले दिन नागिन किसान की बेटी को डसने के लिए किसान के घर पहुंची तो वहां जाकर उसने जो देखा, उसकी हैरानी की कोई सीमा नहीं रही। असल में किसान की बेटी नें नागिन के सामने दूध का कटोरा रख दिया और नागिन से हाथ जोड़कर माफी मांगी। किसान की बेटी का यह व्यवहार देख कर नागिन प्रसन्न हुई और उसने किसान के परिवार को फिर से जीवित कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन ये घटना हुई उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी, जिसके चलते इस दिन को नाग पंचमी के रूप में जाना जाने लगा और नाग देवता व नागों की पूजा का आरंभ हुआ।

Jyoti

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