इस बार करवा चौथ पर पत्नी संग कृपा बरसाएंगे चंद्रमा

Tuesday, Oct 15, 2019 - 05:32 PM (IST)

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कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हर साल हिंदू धर्म का मुख्य त्यौहार करवाचौथ मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन पूरा दिन भूखी-प्यासी रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। बता दें इस बार करवाचौथ 17 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। माना  रहा है इस बार का करवाचौथ पर चंद्रमा अपने साथ गुडलक लेकर आया है। जिसका मुख्य कारण है करवाचौथ पर बन रहा संयोग। कहा जा रहा है 70 साल बाद करवा चौथ की शाम चंद्रमा शुभ नक्षत्र में उदित होने वाला है। तो आइए जानते हैं इस साल करवा चौथ पर बन रहे शुभ संयोग के बारे में-

रोहिणी नक्षत्र में चंद्र दर्शन
हर वर्ष करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। जिसे कुछ मान्यताओं के अनुसार संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। संकष्टी यानि संकटों को दूर करने वाली चतुर्थी। ज्योतिष विद्वानों का मनना है कि इस बार करवा चौथ का चांद रोहिणी नक्षत्र में उदित होने वाला है। कहते हैं रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी है। इसलिए कहा जाता है जब चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होते हैं तो अत्यंत शुभ फलदायी प्राप्त होते हैं।

नक्षत्रों का शुभ संयोग
करवा चौथ के दिन दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर कृतिका नक्षत्र की समाप्ति के साथ रोहिणी नक्षत्र आरंभ होगा। इन दोनों नक्षत्रों के साथ करवाचौथ का व्रत बहुत ही शुभ फलदायी है। रोहिणी नक्षत्र के साथ चंद्रमा का संयोग नवविवाहितों के दांपत्य जीवन में प्रेम और गृहस्थी के सुख को बढ़ाने में सहायक होगा।

अन्य संयोग
करवाचौथ के दिन चंद्रमा वृष राशि में होगा, जिसके स्वामी शुक्र हैं जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में प्रेम और यौन संबंध का कारक माना गया है। शुक्र के घर में चद्रमा का होना विवाहित लोगों और प्रेमियों के लिए शुभ फलदायी है। कहा जाता है इस दिन व्रत पूजन से रिश्ते में प्रेम और उत्साह में वृद्धि होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग
माना जा रहा है करवा चौथ पर सुबह सूर्योदय के समय तक रहेगा सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग रहेगा। ऐसे में सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान पूजन और व्रत का संकल्प लेना शुभ फलदायी रहेगा।

Jyoti

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