Karwa Chauth Udyapan Vidhi 2023: इस शास्त्रीय विधि से करें करवा चौथ का उद्यापन

Wednesday, Nov 01, 2023 - 11:33 AM (IST)

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Karwa Chauth Udyapan Vidhi 2023: करवा चौथ का उद्यापन खास तरीके से होता है। करवा चौथ का उद्यापन या उजमन करने वाली महिला उद्यापन से पहले एक साल तक हर महीने पूर्णिमा के बाद वाली चौथ का व्रत करती है। करवा चौथ सबसे बड़ी चौथ होती है। इसलिए इसे सभी करते है। शादी चाहे किसी भी महीने में हो चौथ का व्रत “करवा चौथ” से ही शुरू किया जाता है। कुछ जगह चार चौथ के व्रत किये जाते हैं। करवा चौथ, माही चौथ ( इसे तिल चौथ या संकट चौथ भी कहते है) , वैशाखी चौथ और भादुड़ी चौथ। कुछ लोग दो ही चौथ करते है – करवा चौथ और संकट चौथ।

कुछ लोग हर महीने पूर्णिमा के बाद वाली चौथ का व्रत करते है। करवा चौथ के व्रत का उजवना करने के बाद भी व्रत किया जा सकता है। जिसमें व्रत के दौरान पानी पी सकते हैं तथा फल खा सकते हैं।

Karva Chauth Udyapan vidhi करवा चौथ व्रत की उद्यापन विधि
करवा चौथ का उद्यापन करवा चौथ के दिन ही होता है।
तेरह ऐसी महिलाओं को जो करवा चौथ का व्रत करती हों, सुपारी देकर भोजन पर आमंन्त्रित करें।
ये महिलाएं करवा चौथ का पूजन खुद के घर पर करके आपके यहां आकर व्रत खोलेंगी और भोजन करेंगी।
आप घर पर हलवा पूड़ी और सुविधानुसार खाना बनाइये।
एक थाली में चार-चार पूड़ी तेरह जगह रखें। इन पर थोड़ा-थोड़ा हलवा रखें। थाली पर रोली से टीकी करके चावल लगाएं। हाथ में पल्लू लेकर सात बार इस थाली के चारों और घुमाएं। यह पूड़ी हलवा आमन्त्रित की गई तेरह महिलाओं को भोजन से पहले दिया जायेगा।

एक दूसरी थाली में सासु मां के लिए भोजन रखें। उस पर एक बेस, सोने की लोंग, लच्छा, बिंदी, काजल, बिछिया, मेहंदी, चूड़ा आदि सुहाग के सामान रखें, साथ में कुछ रूपये रखें। हाथ में पल्लू लेकर हाथ फेरकर इसे सासु मां को दें, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।

अब बुलाई गई तेरह महिलाओं को भोजन कराएं। सबसे पहले चार चार पूड़ी वाली थाली से सबको परोसें। भोजन के पश्चात् महिलाओं को रोली से टीका करें फिर एक प्लेट में सुहाग के सामान रखकर उपहार स्वरूप दें।

देवर या जेठ के लड़के को सांख्या-साखी ( साक्षी ) बनाकर उसे खाना खिलाएं। उसे नारियल और रूपये दें।

यदि तेरह महिलाओं को घर पर आमंत्रित करके भोजन कराना संभव न हो तो उनके लिए परोसा ( एक व्यक्ति जितना खाना और चार-चार पूड़ी जो निकाली थी उसमें से पूड़ी हलवा) और सुहाग के सामान आदि उनके घर पर भिजवाया जा सकता है।

इस दिन भोजन में पूड़ी, हलवा के साथ छोले की सब्जी, गोभी की सब्जी, पनीर की सब्जी, मिर्ची के टपोरे आदि अपनी सुविधा के अनुसार या परिवार के रिवाज के हिसाब से बना सकते हैं। इस प्रकार उद्यापन सम्पूर्ण होता है।

नोट : - भोजन में लहसुन और प्याज का उपयोग न करें।

 पंडित सुधांशु तिवारी
 एस्ट्रोलॉजर/ ज्योतिषाचार्य 
सम्पर्क सूत्र- 9005804317

Niyati Bhandari

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