करवीर व्रत: आपकी हर इच्छा पूरी करेगा ये व्रत, जानें विधि

Wednesday, Jun 13, 2018 - 12:02 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)


बृहस्पतिवार 14 जून को द्वितीया शुद्ध ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष का प्रारंभ होगा। मलमास, पुरूषोत्तम मास समाप्त होने से सभी मंगल-शुभ कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं। इस दिन करवीर व्रत यानि सूर्य पूजा करने का विधान है। इस दिन सूरज देव के निमित्त पूजन करना शुभ फलदायी होता है। शास्त्र कहते हैं, इस व्रत को सावित्री, सरस्वती, सत्यभामा, दमयंती आदि ने भी किया था। 



भविष्य पुराण के अनुसार सूर्य भगवान को यदि एक आक का फूल अर्पण कर दिया जाए तो सोने की दस अशर्फियां चढ़ाने का फल मिलता है। भगवान आदित्य को चढ़ाने योग्य कुछ फूलों का उल्लेख वीर मित्रोदय, पूजा प्रकाश (पृ.257) में है। रात्रि में कदम्ब के फूल और मुकुर को अर्पण करना चाहिए तथा दिन में शेष सभी फूल। बेला दिन में और रात में भी चढ़ाया जा सकता है।  

ये हैं निषिद्ध फूल- गुंजा, धतूरा, अपराजिता, भटकटैया, तगर इत्यादि।



इसके अतिरिक्त इस व्रत में कनेर के वृक्ष की पूजा भी की जाती है। इस विधि से करें पूजन- 

सबसे पहले पेड़ के तने को लाल वस्त्र ओढ़ कर ऊपर से लाल मौली बांध दें। फिर जल अर्पित करें। एक टोकरी में सप्तधान्य (सात प्रकार का अनाज) डालकर इस मंत्र का जाप करें-

ऊं आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मत्र्यंच हिरण्येन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।। 




फिर इस साम्रगी को किसी जनेऊधारी ब्राह्मण को दान दे दें।

जो व्यक्ति इस विधि से व्रत करता है, उसे संसार का हर सुख भोग प्राप्त होता है। मरणोपरांत उसका वास सूर्यलोक में होता है। 

एक एेसा मंदिर जहां गणपति का है Letter Box (देखें video)
 

Niyati Bhandari

Advertising