कार्तिक मास की पूर्णिमा का क्या महत्व है, जानें यहां?

Saturday, Nov 21, 2020 - 02:05 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक का पूरा महीना ही अत्यंत शुभकारी माना जाता है। मगर इस मास में आने वाले कुछ दिन ऐसे माने गए हैं जिनका अधिक महत्व है, इन्हीं दिनों में से एक दिन है कार्तिक पूर्णिमा का दिन। जो इस बार 30 नवंबर को है। सनातन धर्म के पुराणों और शास्त्रों की मानें तो इस दिन जातक द्वारा गंगा स्नान आदि का बहुत महत्व माना जाता है। बल्कि कहा जाता है प्रत्येक व्यक्ति को इस दिन किसी न किसी पावन नदी या जलकुंड जरूर स्नान करना चाहिए। मान्यता है इससे पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही साथ पुण्य की प्राप्ति होती है। मगर गंगा स्नान के अलावा इस दौरान ऐसे कौन से अन्य कार्य करने चाहिए, जिससे लाभ के साथ-साथ मनोकामनाओं की पूर्ति हो। आइए जानते हैं उन कामों के बारे में- 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखना अधिक आवश्यक माना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता प्रचलित है इस दिन व्रत रखने से जातक को एक ही बार में हज़ार अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। साथ ही साथ इस दिन गौ, अश्व का दान करने वाले को भी बहुत लाभ प्राप्त होता है। हालांकि ये दान करना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है, इसलिए ऐसे में शुद्ध घी का दान किया जा सकता है। 

यूं तो पूरे कार्तिक मास में हर व्यक्ति को ब्रह्मा मुहूर्त में उठना चाहिए। परंतु अगर पूरा माह ऐसे न भी कर पाएं तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन ज़रूर प्रातः उठें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं। ध्यान रहें इस जल में चावल के दानों के साथ-साथ लाल रंग के फूल ज़रूर मिला  लें। मान्यता है इससे लाभ प्राप्त होता है। 

अपने सामर्थ्य अनुसार इस दिन गरीबों में सरसों के तेल, तिल व काले वस्त्रों का दान करें। माना जाता है ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही साथ जातक को अपने जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। 

चूंकि कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित और इसी मास में तुलसी माता और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए इस मास में इनकी पूजा का महत्व कई अधिक बढ़ जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस पूरे मास में जातक को खासतौर पर कुंवारियों कन्याओं को तुलसी के पौझे के समक्ष दीप जलाना चाहिए तथा इनके विभिन्न नामों का स्मरण करते हुए इनकी परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है इससे तुलसी माता और भगवान विष्णु दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

इन सबके अतिरिक्ति कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन घर में सत्यनारायण भगवान की कथा ज़रूर करनी चाहिए। साथ ही साथ अपनी क्षमता अनुसार लोगों में भगवान को भोग लगे खीर और हलवे का वितरण करें। 

 

Jyoti

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