दिवाली के बाद ये दिन माना जाता है मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का आख़िरी अवसर

Sunday, Nov 10, 2019 - 08:44 AM (IST)

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12 नवंबर को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार इस दिन देव दिवाली का त्यौहार भी मनाया जाता है। बता दें मुख्य रूप से ये त्यौहार काशी में मनाया जाता है। इसके अलावा कुछ ज्योतिष किंवदंतियों के अनुसार इस दिन को कार्तिक मास का आखिरी दिन माना जाता है। जिस कारण इस दिन की पवित्रता व प्रसिद्धि अधिक है। चूंकि इस दिन देव दिवाली मनाई जाती है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस दिन समस्त देवी-देवता एक साथ प्रसन्न किए जा सकते हैं। 

धार्मिक दृष्टि से देखें तो देवी लक्ष्मी को पूनम की रात यानि पूर्णिमा की रात अत्यंत प्रिय है। इसलिए अगर कोई जातक इस दिन मां के खुश कर लेता है तो देवी मां उन्हें कभी खाली हाथ नहीं लौटने देती।

अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा पाने चाहते हैं तो एक बार ज़रूर करें ये उपाय-

माना जाता है इस दिन मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है। इसलिए जो भी जातक पूर्णिमा के दिन मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। 

इस दिन गरीबों में चावल दान करने से चंद्र ग्रह शुभ फल देता है, साथ ही साथ मां लक्ष्मी भी अपनी कृपा बरसाती है।  

शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिला कर चढ़ाने से भगवान शिव के साथ-साथ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। 

वास्तु शस्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधना अत्यंत फलदायक माना जाता है। 

इस बात का खास ध्यान रखें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन शादीशुदा भूलकर भी अपनी पत्नी या अन्य किसी से शारीरिक संबंध न बनाएं वरना चंद्रमा के दुष्प्रभाव आपको व्यथित करेंगे। 

इस रात यानि पूर्णिमा पर चंद्रमा के उदय होने के बाद खीर में मिश्री व गंगा जल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं। इसके अलावा द्वार पर रंगोली ज़रूर बनाएं। मान्यता है ऐसा करने से खास सुख-समृद्धि के योग बनते हैं तथा साथ ही नवग्रह भी प्रसन्न होते हैं।

Jyoti

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