यहां जानें कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मूहूर्त

Tuesday, Nov 12, 2019 - 08:37 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो वर्ष में कई बार पूर्णिमा तिथि आती है जिसका हिंदू धर्म में अधिक महत्व परंतु कार्तिक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा सबसे खास मानी जाती है। आज यानि 12 नवंबर को इस साल की कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसी दिन देव दिवाली का त्यौहार भी मनाया जाता है। साथ ही इस दिन गंगा स्नान का भी बहुत महत्व होता। ज्योतिष विद्वानों का तो ये मानना है कि जो व्यक्ति दिवाली के अवसरपर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने में सफल न हो पाया हो उसके लिए देव दिवाली का दिन एक सुनहरा मौका कहला सकता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा यानि देव दीपावली के दिन एक साथ सभी देवी-देवता कृपा करते हैं। 

इसके अलावा इस दिन के साथ अन्य पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शंकर ने इस दिन त्रिपुरासपन नामक असुर का वध किया था जिसकी खुशी में देवताओं नें दीप-दान कर व देव दिवाली मनाकर व्यक्त की थी। इसके अलावा इस दिन श्री हरि ने मत्सव अवतार लिया था। यही कारण है कि हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को अत्यंत खास माना जाता है। 

तो वहीं इस बार इस दिन की विशेषता को बढ़ा रहा है कार्तिक पूर्णिम के दिन बन रहा सर्वाथ सिद्धि योग। ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार पूर्णिमा अपने साथ दोगुना-चौगुना लाभ लेकर आई है। तो अगर आप भी इसका लाभ उठाना चाहते हैं तो आगे कार्तिक पूर्णिमा तिथि के शुभ मुहूरत के साथ जान लें इससे जुड़े खास उपाय व साथ ही जानें इस दिन किए जाने वाला खास मंत्र के बारे में- 

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि
सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें। अगर संभव हो या घर के आस-पास गंगा नदी मौज़ूद हो तो वहां जाकर स्नान करें। 

इसके बाद सबसे पहले मिट्टी का घी या तेल का दीपक जलाएं औऱ भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा-अर्चना करें। साथ ही साथ निम्न मंत्र का जाप करें।

नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:।।


इसके अलावा श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।

घर में हवन पूजन करें। अपनी क्षमता अनुसार घी, अन्न या खाने की वस्तुओं का दान करें।

शाम के समय घर और घर के बाहर दीपक अवश्य जलाएं, सत्‍यनारायण की कथा पढ़ें, सुनें और सुनाएं।

खासतौर पर विष्णु जी का ध्यान करते हुए मंदिर, पीपल, चौराहे या फिर नदी किनारे बड़ा दीपक भी जलाएं।

इसके अलावा इस दिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा ज़रूर दें।

तुलसी के पौधे पर भी दीपक जलाना न भूलें।

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- नवम्बर 11, 2019 को 06:02 पी एम बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त-  नवम्बर 12, 2019 को 07:04 पी एम बजे

कार्तिक पूर्णिमा व्रत रखने नाले पढ़ लें ये-
इस दिन प्रात: काल उठकर व्रत का संकल्प लेकर किसी नदी या तालाब में स्नान करें। ऐसा संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर उस पानी से स्नान कर लें।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन शाम के समय जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। साथ ही साथ जल में दूध और शहद मिलाकर पीपल के वृक्ष पर ज़रूर चढ़ाएं और दीपक जलाएं। माना जाता है इस दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास होता है।

Jyoti

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