Kartik Maas: सुख और ऐश्वर्य के लिए कार्तिक मास में करें तुलसी पूजा

Monday, Oct 10, 2022 - 08:02 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kartik Maas 2022: हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि तुलसी जी को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है व धन से लेकर सभी प्रकार के सुख व उन सुखों को भोगने का सौभाग्य प्राप्त होता है। जब भी तुलसी की स्थापना की जाये तो साथ में भगवान श्री विष्णु जी का प्रतीक शालिग्राम ज़रूर रखें। जो कि एक काले रंग का पत्थर होता है क्योंकि वृन्दा द्वारा अपने पति जालंधर की सलामती के लिए किये जा रहे पूजन को श्री हरि विष्णु द्वारा खंडित कर छल किया गया था। जो कि उनके पति जालंधर के वध में अप्रत्यक्ष रूप में भागेदारी थी। वृन्दा की तपस्या के कारण देवता जालंधर को युद्ध में पराजित नहीं कर पा रहे थे। जिस कारण विष्णु जी को जालंधर का रूप बनाकर वृन्दा के सामने उपस्थित होना पड़ा व वृन्दा ने अपनी तपस्या समाप्त की और जालंधर का अंत हो पाया।

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Kartik maas ki tulsi ki kahani: वृन्दा ने श्री हरि विष्णु को पत्थर का हो जाने का श्राप दिया था। तब सभी देवताओं द्वारा प्रार्थना के पश्चात वृन्दा ने विष्णु जी को श्राप मुक्त किया व स्वयं को भस्म कर लिया। उस समय उस राख से एक पौधा उत्पन्न हुआ जोकी वृन्दा अर्थात तुलसी कहलायी। श्री हरि विष्णु जी ने तुलसी को वरदान दिया कि - मैं श्राप के पश्चाताप स्वरूप सदा शालिग्राम के रूप में तुलसी के चरणों में पड़ा रहूंगा। इसी कारण बिना शालिग्राम स्थापना के तुलसी जी की स्थापना व पूजन अधूरा ही रहता है।

Kartik maas tulsi pooja कार्तिक मास में तुलसी की पूजा से
जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं लेकिन इसके लिए तुलसी के पौधे की पूजा सही विधि से की जानी जरूरी है। गलत तरीके या पूजा के दौरान की गई गलती से लाभ के बजाय हानि पहुंचा सकती है। आइये जानते हैं तुलसी पूजा का सही तरीका -


Kartik maas mein tulsi ki puja kaise karen अगर आप घर में तुलसी का पौधा लगाने की सोच रहे हैं, तो इसे गुरुवार के दिन लगाना शुभ होता है। गुरुवार के साथ ही कार्तिक के महीने में तुलसी का पौधा लगाना उत्तम होता है। मान्यता है कि कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं व शरीर निरोगी बनता है। कहते हैं कि तुलसी का पौधा घर या आंगन के बीच में लगाना चाहिए व साथ ही इसे लगाते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। इसे हमेशा उत्तर या ईशान दिशा में ही लगाना चाहिए। इतना ही नहीं, सोने के कमरे की बालकनी में भी तुलसी के पौधे को लगाया जा सकता है।

मान्यता है कि सुबह स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र पहनने के बाद तुलसी के पौधे में जल डालकर उसकी परिक्रमा करना लाभदायी होता है।

नियमित रूप से शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना उत्तम होता है।

Tulsi Puja Rules: भूल से भी न करें ये गलती
धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को लेकर कई नियम और सावधानियां हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन बातों का ध्यान रखने से किसी की भी किस्मत चमक सकती है। तो चलिए जानते हैं इन नियमों के बारे में -

कहते हैं कि तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह के समय ही तोड़ने चाहिए। सूर्यास्त के बाद तुलसी पत्र तोड़ना पाप का भागीदार बनाता है।  

रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही उस दिन शाम को दीपक न जलाएं।

भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है इसलिए श्री हरि और उनके अवतारों को तुलसी दल जरूर अर्पित करें।

कहते हैं कि तुलसी के पत्र कभी बासी नहीं होते इसलिए पुराने तुलसी के पत्तों को भी पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).

Niyati Bhandari

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