Kartik Maas 2020: वास्तु में भी इन उपायों को बताया गया है कारीगर

Saturday, Oct 31, 2020 - 01:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म के अनुसार प्रत्येक वर्ष में कुल 12 महीने पड़ते हैं, जिनमें से समस्त का किसी न किसी देवी-देवता से संबंध होता है और यही कारण होता है कि इनका अपने आप में महत्व बढ़ जाता है। इन सभी महीने में से एक ऐसा मास माना गया है जिसका सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व है, जी हां, वो खास माह है कार्तिक मास का। बताया जाता है यह मास तरह से धर्म एवं इससे जुड़े कर्म-कांडों से संबंधित होता है। यूं तो भगवान 12 माह में से कई महीने प्रिय, परंतु कार्तिक मास में इन सब में से सबसे अधिक प्रिय है। जिस कारण इसका महत्व अपने आप में कहीं हद तक बढ़ जाता है। तो वहीं अगर शास्त्रों की बात करें उसमें वर्णन किया गया है कि इस मास में पूजा-अर्चना करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। बता दें कार्तिक मास हिंदू पंचांग का 8वां महीना होता है। जब तुला राशि पर सूर्यनारायण आते हैं तब कार्तिक मास प्रारंभ हो जाता है। इस मास में दामोदर भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके अलावा ज्योतिष और वास्तु में इस मास से जुड़े कुछ उपाय दिए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तथा साथ ही जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं और कष्ट दूर हो जाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही खास उपाय जिन्हें कार्तिक मास में करना आपके लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। 

उपाय- 
दीएे जलाना हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। बात कार्तिक मास की हो तो इस दौरान शुद्ध घी, तिलों के तेल और सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। कहा जाता है इससे अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। 

इसके अलावा इस मास में देवी लक्ष्मी जी के समक्ष भी दीप जलाना भी कई तरह शुभ प्रभाव दिला सकता है। ऐसा कहा जाता है कि यह दीप जीवन के अंधकार को दूर करने वाला व जीवन को आशा देने वाली रोशनी का प्रतीक माना जाता है। कार्तिक मास में खास तौर पर घर के मंदिर, नदी के तट एवं शयन कक्ष में दीप जलाने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 

कार्तिक मास के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके तुलसी को जल चढ़ाने से, इसके पौधे को दान करने से जातक को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है। तो वहीं इसका सेवन करने से घर में सदा सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही साथ घर में से नकारात्मसक शक्तियां दूर होती हैं। 

इतना तो सभी जानते ही हैं कि इस मास में धार्मिक रूप से स्नान करना शुभ होता है। बताया जाता है कि इस दौरान आंवले के फल व तुलसी-दल मिश्रित जल से स्नान करना, गंगा स्नान के समान पुण्य दिलाने वला माना जाता है। बता दें वास्तु शास्त्र में उपरोक्त बताए सारे उपायों का अधिक महत्व बताया गया है। 

Jyoti

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