Kartik Maas 2020: इस दिन पड़ रहा है ये प्रमुख पर्व, आप भी पढ़ें कार्तिक मास के विशेष पर्व की सूची

Friday, Oct 30, 2020 - 03:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
अगर आप हमारे वेबसाइट को फॉलो करते हैं तो अब तक आपको ये पता चल चुका होगा कि 01 नवंबर से कार्तिक मास प्रारंभ हो रहा है, जो 30 नवंबर तक चलेगा। सनातन धर्म की मान्यताओं की मानें तो प्रत्येक मास मेें कोई न कोई पर्व व त्यौहार ज़रूर मनाया जाता है। अगर बात करें कार्तिक मास की तो इस दौरान सनातन धर्म के बहुत ही प्रमुख त्यौहार आते हैं। मगर वो पर्व, दिवस कौन से हैं, इस बारे में अभी तक अगर आपको नहीं पता तो चलिए आपको बताते हैं कि कार्तिक मास में कौन से कौन-कौन से प्रमुख त्यौहार मनाए जाएंगे। लेकिन इससे पहले आपको बता दें इस मास में मुख्य रूप से विष्णु भगवान की आराधना का महत्व होता है। इस दौरान पावन मंदिरों जहां इनसे जुड़े कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, तो वहीं श्रद्धालु तुलसी व शालिग्राम की पूजा के साथ-साथ इनका विवाह संपन्न करते हैं। जिससे जुड़ी मान्यताएं ये हैं कि इससे जातक के धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। साथ ही साथ व्यापार-कारोबार में भी वृद्धि होती है। 

इस मास में पड़ेंगे ये मुख्य 14 पर्व- 
4 नवंबर- करवा चौथ
8 नवंबर- अहोई अष्टमी
11 नवंबर- रमा एकादशी व्रत
12 नवंबर- गोवत्स द्वादशी/ धनतेरस
13 नवंबर- रूप चतुर्दशी
14 नवंबर- दीपावली
15 नवंबर- गोवर्धन पूजा, अन्नकूट

16 नवंबर- भाई दूज
20 नवंबर- सूर्य षष्ठी
22 नवंबर- गोपाष्टमी
23 नवंबर- आंवला नवमी
25 नवंबर- देवउठनी ग्यारस
29 नवंबर- वैकुंठ चतुर्दशी
30 नवंबर- कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक में अधिक मनाए जाते हैं महिलाओं के पर्व-
अगर बात इस बार के कार्तिक मास की करें तो 4 नवंबर बुधवार यानि करवाचौथ से इस मास के पर्वों की शुरूआत हो रही है। सुहागिन महिलाएं जहां पति की सलामती के लिए ये व्रत रखती हैं तो वहीं अविवाहित मनचाहा व्रत पाने के लिए ये व्रत रखती हैं। इसके अलावा इस मास में पड़ने वाली स्कंद षष्ठी, रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी व्रत के साथ सौंदर्य का पर्व रूप चौदस, सुहाग पड़वा, आंवला नवमी जैसे पर्व भी महिलाओं से जुड़े हैं।

इसलिए खास है कार्तिक मास- 
हिंदू पंचांग के 12 मास में से कार्तिक मास को भगवान विष्णु का नाम दिया गया है। कहा जाता है इसमें नक्षत्र-ग्रह योग, तिथि पर्व का क्रम धन, यश-ऐश्वर्य, लाभ तथा उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। 
कुछ मान्यताओं की मानें तो कार्तिक मास से हिंदू शास्त्र गणना के आधार पर वर्ष आरंभ का समय कहलाता है।

तो वहीं कुछ कथाओं के अनुसार इसी मास में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षस का वध किया था, जिस कारण इस मास को उनके नाम से जाना जाता है, जो विजय दिलाने वाला माह माना जाता है। 

Jyoti

Advertising