Masik Karthigai:  इस विधि से जलाएं दीपक, गृह क्लेश का होगा नाश

Wednesday, May 12, 2021 - 05:47 AM (IST)

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Karthikai Deepam may 2021: प्रत्येक माह में जब कृतिका नक्षत्र पड़ता है। तब ये दिवस कार्तिगई दीपम के रूप में मनाया जाता है। इसे मासिक कार्तिगई भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय जी की आराधना करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। अनेक प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव ने जब विष्णु जी और ब्रह्मा जी के बीच में विवाद को ख़त्म करने के लिए अखंड ज्योति का रूप लिया था। इसी अखंड ज्योति के चिन्ह स्वरूप आज का दिन उस आलौकिक ब्रह्म स्वरूप को समर्पित करते हुए भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग के रूप में आराधना करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही माना जाता है कि कुमार कार्तिकेय जी की उत्पत्ति भगवान शंकर की तीसरी आंख से हुई है। जहां से यह परब्रह्म ज्योति की उत्पत्ति हुई है। तो इस दिन इन खास विधियों द्वारा दीप प्रज्वलित करने से महादेव और मुर्गन स्वामी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

आज के दिन शाकाहार रह कर शिव परिवार की यथा शक्ति पूजा और भक्ति करें। शुद्ध देसी घी का दीपक शिवालय में जलाकर अपने घर-परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें।

Where should I light Diya in my house: को परब्रह्म का ही स्वरूप माना जाता है। जहां प्रकाश होता है, वहां किसी प्रकार अन्धकार नहीं टिकता। इस दिन अपने घर के चारों कोनों में अलग-अलग दीपक जलाने से विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते हैं जैसे कि

घर के ईशान कोण में शुद्ध घी का दीपक जलाने से धन और आध्यात्मिकता दोनों में प्रगति होगी। 

घर के वायव्य कोण में सफेद तिल के तेल दीपक जलाने पर अच्छे व्यवहार बनते हैं एवं आराध्य भगवान की कृपा प्राप्त होती है।

नोट: (केवल मासिक कार्तिकेय पर ही दीपक करें)। 

नैऋत्य कोण में सरसों के तेल का दीपक जलाकर शिव का ध्यान करने से रोग, अकाल मृत्यु, कर्ज़, बदनामी, ऐक्सिडेंट जैसी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। 

अग्नि कोण में चमेली के तेल से लाल रंग का दीपक जलाएं। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है, घर के लोगों में उत्साह बना रहेगा एवं जीवन में उन्नति की ओर अग्रसर होंगे।

संध्या के समय भगवान शिव के आलौकिक रूप का ध्यान करते हुए अखंड ज्योति जलाएं। उस पर माला, पुष्प, अगरबत्ती अर्पित करें, संभव हो तो रात्रि भर भगवान भोले नाथ के मन्त्रों का जाप करें। गृह कलेश और आपसी विवाद ख़त्म होंगे, अध्यात्म में नया आयाम प्राप्त होगा और सुख संपति की प्राप्ति होगी।

नीलम
neelamkataria0012@gmail.com

Niyati Bhandari

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