Detailed guide on Kanya Pujan Vidhi: कन्या पूजन के लिए इस शास्त्रीय विधि से कंजकों को करें Invite
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 06:40 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Kanya Pujan 2025: हिन्दू धर्म में कन्या पूजन (Kanya Pujan) एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना गया है। इसे विशेष रूप से नवरात्रि (Navratri), दुर्गा पूजा (Durga Puja) और अन्य शक्ति उपासना पर्वों पर संपन्न किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कन्याओं में स्वयं मां दुर्गा का अंश विद्यमान होता है। नौ कन्याओं को क्रमशः नवरात्रि की नौ देवियों का स्वरूप माना गया है। इसीलिए कन्या पूजन केवल एक धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि स्त्री शक्ति के प्रति सम्मान और आदर का प्रतीक भी है।
Materials required for Kanya Pujan कन्या पूजन के लिए आवश्यक सामग्री: कन्या पूजन से पहले घर में शुद्धता, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का होना आवश्यक है। पूजन के लिए निम्न सामग्री एकत्रित करनी चाहिए-
स्वच्छ पूजा स्थान, गंगाजल या शुद्ध जल, लाल आसन (कन्याओं को बैठाने के लिए), हल्दी, रोली, कुमकुम, चावल, फूलमाला, पुष्प, दुर्गा स्तोत्र की पुस्तक, दीपक (घी/तेल वाला), अगरबत्ती, धूप, अक्षत, नारियल, कलावा (मौली), चुनरी या लाल कपड़ा, मिठाई (विशेषकर हलवा, पूड़ी और चना), दक्षिणा और उपहार (फ्रॉक, चूड़ियां, पायल या पुस्तक आदि), पान, सुपारी, लौंग-इलायची।
Method of worshipping the Kanya Pujan कन्या पूजन की विधि
Time and place of Kanya Puja कन्या पूजा का समय और स्थान
कन्या पूजन प्रातःकाल या पूर्वाह्न में करना श्रेष्ठ माना गया है। घर के मंदिर या स्वच्छ स्थान पर एक चौकी सजाएं, लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
Invitation to girls on Kanya Pujan कन्या पूजन पर कन्याओं को आमंत्रण
परंपरा अनुसार न्यूनतम 1 और अधिकतम 9 कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है। उनके साथ एक सुवासिनी (विवाहित महिला) या बटुक (छोटा बालक, जिसे भैरव का स्वरूप माना जाता है) को भी बुलाना उत्तम होता है। कन्याओं की उम्र सामान्यतः 2 से 10 वर्ष तक होती है।
Kanya Puja welcome and seat कन्या स्वागत और आसन
घर के द्वार पर उनका चरण धोकर, मंगल गीत गाकर और पुष्पवर्षा करके स्वागत करें। उन्हें लाल आसन पर बिठाएं।
Kanya Pooja begins कन्या पूजा प्रारंभ
दीपक और अगरबत्ती जलाएं। गंगाजल से छिड़काव कर वातावरण को शुद्ध करें।
कन्या पूजा मंत्र जप करें: “या देवी सर्वभूतेषु बालिका रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
Worship of the feet of the girl कन्या चरण पूजन
कन्याओं के चरण धोकर उन्हें पवित्रता से पूजन करें। रोली, हल्दी, कुमकुम और अक्षत से उनके मस्तक पर तिलक लगाएं। उनके हाथों में मौली बांधें।
Kanya offering and invocation कन्या अर्घ्य और आह्वान
मंत्रोच्चारण करते हुए पुष्प और अक्षत अर्पित करें। कन्याओं को मां दुर्गा का ही स्वरूप मानकर नमन करें।
Food offerings to girls कन्याओं को भोजन प्रसाद
पारंपरिक रूप से कन्याओं को पूड़ी, सूजी का हलवा और काले चने खिलाए जाते हैं। यह प्रसाद नौ देवियों को अर्पित भोग के रूप में स्वीकार किया जाता है।
Dakshina and gifts to girls कन्याओं को दक्षिणा और उपहार
भोजन के बाद प्रत्येक कन्या को दक्षिणा, चुनरी, कंगन या उपहार भेंट करें। उन्हें प्रसन्न करके आशीर्वाद लें।
Farewell to the girls कन्याओं की विदाई
प्रेम और आदर के साथ विदा करें। विदा के समय उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद प्राप्त करना श्रेष्ठ है।
आधुनिक युग में कन्या पूजन का स्वरूप
आज के समय में कन्या पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि नारी शक्ति का सम्मान और बालिकाओं की सुरक्षा व शिक्षा के प्रति जागरूकता का प्रतीक बन चुका है। कई परिवार कन्या पूजन के अवसर पर बालिकाओं को किताबें, कपड़े, स्टेशनरी और स्कॉलरशिप भेंट करते हैं।
Rules and precautions for Kanya Pujan कन्या पूजन के नियम और सावधानियां
कन्या पूजन हमेशा शुद्ध मन और स्वच्छता के साथ करना चाहिए।
कन्याओं के साथ किसी प्रकार का असम्मान न करें।
भोजन हमेशा सात्विक और शुद्ध होना चाहिए।
कन्या को कोई ऐसी वस्तु न दें जिससे उन्हें असुविधा हो।
नवरात्रि के दौरान यदि किसी कारणवश कन्या पूजन संभव न हो तो दान और ब्राह्मण भोज का आयोजन करना चाहिए।