Dharmik Sthal: श्रीराम का प्रत्यक्ष शरीर ‘कामद गिरि’

Tuesday, May 11, 2021 - 06:02 PM (IST)

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राम की वनवास यात्रा से जुड़े जिन स्थलों के दर्शन इस बार आपको करवाने जा रहे हैं, उनमें वह स्थान विशेष रूप से शामिल है जिसे भक्तगण श्रीराम का प्रत्यक्ष शरीर मानते हैं। आज हजारों श्रद्धालु इसकी परिक्रमा करते हैं। इसके अलावा अन्य स्थलों में वह आश्रम, जहां श्रीराम की भेंट महर्षि वाल्मीकि से हुई से लेकर पवित्र तालाब भी शामिल है। कामद गिरी को छोड़ अन्य सभी स्थल उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित हैं।

कामद गिरि (चित्रकूट, उत्तर प्रदेश / सतना, मध्य प्रदेश)
भक्त कामदगिरि को श्रीराम का प्रत्यक्ष शरीर मानते हैं। श्रीराम यहां बहुत दिनों तक रहे थे। हजारों श्रद्धालु नित्यप्रति इसकी परिक्रमा करते हैं। कुछ तो लेट कर परिक्रमा करते हैं। चित्रकूट में श्रीराम वनवास से संबंधित बहुत से स्थल आज भी पाए जाते हैं। जैसे श्रीराम-भरत मिलन मंदिर, रामघाट, सीता रसोई, रामशैया, मंदाकिनी नदी आदि।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 2/56/12 तथा 18 से 35, मानस 2/132 दोहा से 2/141/2)

चित्रकूट दर्शन, खोह गांव
मानस के अनुसार भरत जी को कामद गिरि के दर्शन 2 कोस पहले हुए थे। केवल खोह गांव ही है जहां से 2 कोस दूर से कामद गिरि के दर्शन होते हैं। श्रीराम का अनुगमन करते हुए भरत जी यहीं से गए थे।
(ग्रंथ उल्लेख : मानस 2/224/3,4 2/236/1, 2,3)

कोटितीर्थ, चित्रकूट
चित्रकूट साधकों की तपस्थली है। यहां कोटि मुनि तपस्यारत थे। वनवास काल में श्रीराम उनके दर्शनार्थ यहां आए थे। आज भी यहां अनेक संत तपस्यारत हैं।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 2/116/1 से 26, मानस 2/134 दोहा, 2/307/2, 2/311/3, 2/312 दोहा)

रामसैया, चित्रकूट
वनवास काल में चित्रकूट में श्री सीता-राम जी अनेक स्थलों पर लीला करते थे तथा प्रकृति का आनन्द लेते हुए निकटवर्ती क्षेत्रों में विहार करते थे। इसी क्रम में कभी-कभी यहां रात्रि विश्राम के लिए भी रुकते थे। आज भी शिला पर श्री सीता-राम जी के विश्राम के चिन्ह हैं। दोनों के बीच धनुष रखने का चिन्ह बना है।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 2/116/1 से 26, मानस 2/134 दोहा, 2/307/2, 2/311/3, 2/312 दोहा) —डा. राम अवतार
 

Jyoti

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