क्या आप जानते हैं कल्कि अवतार से जुड़ी ये रोचक बातें ?

Monday, Aug 05, 2019 - 12:05 PM (IST)

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भगवान विष्णु के हर अवतार के बारे में सबको ज्ञात ही है। तो वहीं आज उनके दसवें अवतार यानि कल्कि अवतार की जयंती मनाई जाएगी। कल्कि पुराण के अनुसार, माना जाता है कि कल्कि देवता का जन्‍म सावन मास के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। इस साल यह तिथि आज यानी 5 अगस्‍त को है। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान कल्कि का अवतार कलियुग की समाप्ति और सतयुग के संधिकाल में होगा। ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान का आखिरी अवतार होगा। तो आइए आज इस खास मौके पर जानते हैं इस अवतार से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में विस्तार से। 

क्या इस अवतार के बारे में कभी किसी ने ये सोचा है कि ये एक ऐसा अवतार है जोकि अवतरित होने से पहले ही पूजा जाने लगा है और देश में कई कल्कि अवतार के मंदिर भी हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब कलियुग में पाप अपनी सीमा को पार लेगा तभी भगवान दुष्टों का संहार करने के लिए इस अवतार में आएंगे और पापियों का नाश करेंगे। वह देवदत्‍त नाम के सफेद घोड़े पर आएंगे और दुष्‍टों का संहार करेंगे और तब फिर से सत युग का आरंभ होगा।

भागवात पुराण के स्‍कंध अध्‍याय 12 में बताया गया है कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव ही वह स्थान है जहां भगवान का 10वां अवतार होना है। अपने माता-पिता की पांचवी संतान कल्कि यथासमय देवदत्‍त नाम के घोड़े पर आरूढ़ होकर तलवार से दुष्‍टों का संहार करेंगे और तब सतयुग का प्रारंभ होगा। भगवान का यह अवतार निष्कलंक भगवान के नाम से पूरे विश्व में जाना जाएगा। 

श्रीमद्भागवत में भगवान विष्णु के अवतारों के बारे में सभी कथाएं विस्तार से बताई गई हैं। गीता के बारहवें स्कंध के द्वितीय अध्याय में भगवान के कल्कि अवतार की कथा विस्तार से दी गई है। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे, साथ में वह वेदों और पुराणों के ज्ञाता होंगे। उनके पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा। रामावतार के समान ही कल्कि अवतार में भी भगवान चार भाई होंगे इनके अन्य तीन भाइयों के नाम होंगे सुमन्त, प्राज्ञ और कवि। अपने इन्हीं भाइयों के साथ मिलकर भगवान धर्म की स्थापना करेंगे।

पूजन विधि
आज के दिन स्‍नान आदि से निवृत्‍त होकर सर्वप्रथम व्रत का संकल्‍प लेना चाहिए। तत्‍पश्‍चात भगवान कल्कि जी के प्रतिमूर्ति के गंगाजल से स्‍नान कराना चाहिए। उन्‍हें वस्‍त्र पहनाएं। भगवान कल्कि जी को चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्‍थापित करें। उसके बाद धूप, दीव, नैवेद्य, पुष्‍प और अगरबत्‍ती से पूजा करें। पूजा सम्‍पन्‍न होने के बाद भगवान कल्किजी से परिवार की सुख शांति की कामना करनी चाहिए।

Lata

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