Kalashtami: काल भैरव की पूजा से मुट्ठी में होंगे राहू

Wednesday, Jul 20, 2022 - 08:05 AM (IST)

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Kalashtami 2022: राहू राक्षस प्रवृत्ति का ग्रह है। आंग्ल भाषा में इसे ड्रेगन्स हैड कहा जाता है। राहू की महादशा 18 वर्ष की होती है। राहू देव को प्रसन्न करने के लिए काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। आज कालाष्टमी है। इस शुभ दिन से ही आरंभ करें राहू को मुट्ठी में करने की तैयारी।   राहू का मुख भयंकर है ये सिर पर मुकुट, गले में माला तथा शरीर पर काले रंग का वस्त्र धारण करते हैं। इनके हाथों में क्रमश: तलवार, ढाल, त्रिशूल और वरमुद्रा है। ये सिंह के आसन पर आसीन हैं। ध्यान में ऐसे ही राहू प्रशस्त माने गए हैं।

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मंत्र उपासना 
राहू जनित दोष निवारण के लिए आपको यह उपाय करना चाहिए- किसी भी दिन रात्रि के समय स्नान करके पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश या ऊन के आसन पर बैठ जाएं। अब किसी भी माला से निम्र मंत्र की 21 माला मंत्र जाप करें। यह भगवान राहू की एकाक्षरी बीज मंत्र है, जिसके मंत्र जाप से दोषों का शमन होता है : 
                 
राहू एकाक्षरी बीज मंत्र : ॐ रां राहवे नम:।

सामान्य उपाय 
अमावस्या के दिन उड़द की दाल के बने पकौड़े पर दही डालकर चील-कौवों को खिलाएं।
अठारह अमावस्या तक एक खोपरे की काली उड़द से भर कर दक्षिणा रख कर डाकौत को दान दें।
अमावस्या के दिन ऐसी दुधारू बकरी दान करें जिसके साथ बच्चा हो।
सपेरे से कृष्णपक्ष में सांप जंगल में अमावस्या के दिन छुड़वाएं।
अमावस्या या सूर्य ग्रहण के दिन एक गिरीदार फल में सीसे तथा स्वर्ण के सर्प दबाकर, उस फल को नीले कपड़े में बांध कर दक्षिणा सहित नदी व सरोवर के तट पर दान करें।
सीसे से बना छल्ला बाएं हाथ की मध्यमा पर बुधवार को सायंकाल धारण कर लें।

लाल किताब के उपाय 
संयुक्त परिवार में रहें।
ससुराल से संबंध न बिगाड़ें।
सिर पर चोटी रखें।
जौ या अन्य अनाज को बड़े स्थान पर बोझ के नीचे दबाएं या दूध से धोकर बहते पानी में बहाएं।
मूली दान करें या कोयला बहते पानी में बहाएं।
विवाह के समय कन्यादान करें।
सरसों व नीलम का दान करें।
नीले वस्त्र, स्टील के बर्तन, विद्युत उपकरण दान में न लें अपितु उचित मूल्य देकर लें।
गोमेद मध्यमिका उंगली में धारण करें।
तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में न करें।
जेब में चांदी की ठोस गोली रखें अथवा चांदी किसी अन्य रूप (छल्ला, चेन आदि) में धारण करें।
चांदी के दो टुकड़े या दो मोती या चावल की दो पोटली बनाकर उनमें से एक को बहते पानी में बहा दें और दूसरा चांदी का टुकड़ा या मोती या चावल की पोटली आजीवन पास रखें।

राहू का दान 
राहू के लिए सात अनाज, उड़द, नारियल, चाकू, कम्बल, बिल्व पत्र, कस्तूरी, तिल, खिचड़ी, अष्टधातु-मुद्रिका, दक्षिणा का दान देना चाहिए।

राहू का रत्न 
राहू जनित दोष निवारण के लिए गोमेद पंचधातु या चांदी में कनिष्ठा उंगली में धारण करें।

 

Niyati Bhandari

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