Kalashtami: आज काला कुत्ता ही कर सकता है आपकी हर इच्छा पूरी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 28, 2021 - 08:39 AM (IST)

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 Kalashtami 2021: आज कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि है इसलिए इस खास दिन को कालाष्टमी या भैरवाष्टमी के रूप में मनाया जाएगा। वैसे तो इस दिन व्रत रखने का विधान है। आपके लिए ये संभव न हो तो भगवान भैरव की पूजा अवश्य करें। इसके अलावा भगवान शिव के रौद्र रूप को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय भी किए जा सकते हैं। जिस घर में सारा परिवार मिलकर भैरव बाबा की पूजा करता है, वहां सदा सुख-समृद्धि बनी रहती है। वहां से हर तरह की नकारात्मक ताकतें अपना किनारा कर लेती हैं।

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Kalashtami 2021 september: कुत्ता भगवान भैरव का सेवक कहा जाता है। कालाष्टमी के दिन यदि उसे भोजन करवाया जाए तो लाइफ में आने वाली बहुत सारी परेशानियों से बचा जा सकता है। कहते हैं जो लोग कुत्तों से प्रेम भाव रखते हैं, वे उनके पास यमराज को भी नहीं आने देते। ऊपरी बाधाएं काले कुत्ते के साय से भी दूरी बनाकर रखती हैं। आपको बता दें कुत्ता एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो आने वाले समय में क्या होने वाला है पहले से ही जान जाता है। यहां तक की सूक्ष्म जगत को देखने की भी क्षमता रखता है। कई किलोमीटर तक की गंध ये पहचान जाता है। इसे रहस्यमय प्राणी कहना गलत न होगा। 

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 Kaal Bhairav Upay उपाय
काल भैरव की कथा जरुर सुनें।

बाबा काल भैरव के आगे तेल का दीपक लगाने से हर इच्छा पूरी होती है।

काले कुत्ते को तेल लगी रोटी खिलाने से सांसारिक वस्तुएं, भोग-विलास के साधन, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन प्राप्त होता है। 

ज्योतिषी विद्वान कहते हैं केतु कुत्ते का प्रतीक है। कुत्ता पालने या उसकी सेवा करने से केतु का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है।

उदर व्याधि के लिए एक काले रंग के कुत्ते का बाल और अकरकरा बच्चे के गले में बांध देने से बालक के उदर के रोग और ज्वर नष्ट हो जाते हैं।

कुत्ता शनि और केतु का भी प्रतीक माना जाता है। इनकी शांति के लिए काले या काले-सफेद रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं।

जिनकी कुंडली में कालसर्प योग होता है, उन्हें घर में काला कुत्ता पालना चाहिए।

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 Kaal Bhairav puja vidhi काल भैरव पूजा विधि
कालभैरव की फूल, माला और दीपक प्रज्वलित करके पूजा करें। इसके साथ भैरव बाबा के इस मंत्र का जप करें। ऐसा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी। 

Kaal Bhairav mantra ॥ऊं भ्रं काल भैरवाय फट॥
।। ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:।।
|| ॐ भयहरणं च भैरव: ||

इसके अतिरिक्त शत्रुओं से मुक्ति हेतु इस मंत्र का जप करें-
ऊं ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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