भैरव जयंती 2019: छट जाएगा जीवन का अंधकार बस कर लें इस चमत्कारी मंत्र का जाप

Wednesday, Nov 13, 2019 - 04:34 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग व हिंदू धर्म के अनुसार हर दिन नया नक्षत्र, नया दिन व नया योग बनता है। जो दिन को खास बनाते हैं। इसके अलावा अगर इस पर कोई त्यौहार या पर्व पड़ जाए तो दिन की खासियत अधिक बढ़ जाती है। ज्योतिष की मानें तो इन विशेष दिनों में देवी-देवताओं से जुड़े खास उपाय आदि करना लाभदायक माना जाता है। इस माह की यानि मार्गशीर्ष मास जिसे अगहन माह भी कहा जाता है, के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भैरव जंयती का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म के अन्य त्यौहारों की तरह इसे भी बहुत खास दिन माना जाता है। इस दिन व्रत के साथ-साथ विधि-वत इनका पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इससे भैरव देव की कृपा से जीवन के सभी कष्ट क्लेश दूर हो जाते हैं। परंतु आज भी ऐसे कई लोग हैं जिन्हें भैरव नाथ के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। तो आइए भैरव जंयती के शुभ अवसर पर हम आपको बताते हैं इनसे जुड़ी खास बातें साथ ही साथ जानेंगे इनके चमत्कारी मंत्र के बारे में जिसके जाप से आपकी कुंडली के ग्रह कष्ट हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाएंगे। 

सबसे पहले बता दें कि जिस पर भगवान काल भैरव की कृपा होती है उसके सभी कष्ट तो खत्म होते ही हैं साथ ही उसे भैरव बल, बुद्धि, तेज, यश, धन तथा मुक्ति प्रदान करते हैं। तो चलिए जानते हैं काल भैरव से संबंधित 10 खास बातें-

धार्मिक ग्रंथों में किए वर्णन के अनुसार काल भैरव को असल में देवों के देव महादेव के अंश अवतार हैं। यही कारण है भारत जेश में स्थापित शक्तिपीठों में देवी की पिंडी की रक्षा करने के लिए भैरव मौज़ूद है।  बताया जाता है रूद्राष्टाध्याय और भैरव तंत्र से इस तथ्य पुष्टि होती है।

श्याम रंग वाले भैरव बाबा की चार भुजाएं हैं, जिनमें इन्होंने त्रिशूल, खड़ग, खप्पर तथा नरमुंड धारण किए हुए हैं। इनका वाहन श्वान यानि कुत्ता है।

माना जाता है भैरव श्मशानवासी हैं तछा ये भूत-प्रेतों व योगिनियों के स्वामी हैं।

काल भैरव अपने भक्तों पर हमेशा कृपावान रहते हैं और दुष्टों का संहार करने में सदैव तत्पर रहते हैं।

इनकी उपासना के लिए सबसे उत्तम दिन रविवार एवं बुधवार को माना जाता है। इसके अलावा भैरव जयंती या भैरव अष्‍टमी के दिन कुत्ते को मिष्ठान खिलाकर दूध पिलाना चाहिए।

ध्यान रहे काल भैरव की पूजा में श्री बटुक भैरव अष्टोत्तर शत-नामावली का पाठ ज़रूर करें। मान्यता है इन्हें प्रसन्न करने के लिए श्री बटुक भैरव मूल मंत्र का पाठ करना भी शुभ होता है।

जो भी इनकी उपासना करता है श्री काल भैरव अपने उसकी दसों दिशाओं से स्वयं रक्षा करते हैं।

चमत्कारी भैरव मंत्र-
'ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं'।
भैरव जयंती पर इन चमत्कारी मंत्र का जाप करने से दूर होगी हर समस्या। 

 

Jyoti

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