कई Hollywood Stars भी हैं पवनपुत्र के इस मंदिर के भक्त, जानिए कहां है ये मंदिर

Wednesday, Jun 29, 2022 - 03:27 PM (IST)

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हिंदू धर्म में पवपुत्र हनुमान जी को जागृत देव माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से व्यक्ति की जीवन में तमाम तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। पूरी दुनिया में इनके प्राचीन मंदिर स्थापित है, जहां इन्हें अलग-अलह रूप में पूजा जाता है, जैसे मारुतीनंदन, बाला जी आदि। तो आज हम आपको इनके एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी देने जा रहे है जहां पर विराजमान हनुमान जी के देश में ही नही बल्कि विश्व विख्यात हैं। जी हां, यहां हनुमान जी एक ऐसा धाम है, जिसे बेहद अद्भुत नाम से जाना जाता है। तो आइए जानते हैं कहां है ये मंदिर व क्या है इसका दिलचस्प व रोचक नाम- 

देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में बसे कैंची धाम की जो देश केसाथ-साथ विदेशों में बहुत प्रसिद्ध है। श्रद्धालुओं का मानना है कि जिन बाबा ने इस धाम की नींब रखी थी। वो स्वयं हनुमान जी के अवतार थे। उन बाबा का नाम है नीब करौरी। कई लोग इन्हें नीम करौरी बाबा के नाम से भी जानते हैं। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। इतना ही नहीं हॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार तक बाबा के सामने नतमस्तक होते हैं। हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं। 

 

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श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। लेकिन इस साल कोरोना के चलते बड़े स्तर पर भंडारा नहीं किया गया। बता दें कि बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था। मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वे आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे।

तो वहीं बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं। भक्तों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। कहते हैं कि बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। 

Jyoti

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